मानसून सत्र के आखिरी दिन गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन बिलों को लेकर संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ. इन बिलों का मकसद राजनीति में शुचिता लाना है. प्रस्तावित कानून के अनुसार, यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या किसी मंत्री को पांच साल से अधिक की सजा वाले अपराध के आरोप में गिरफ्तार या हिरासत में लिया जाता है और उन्हें 30 दिनों तक जमानत नहीं मिलती है, तो इकतीसवें दिन उन्हें पद से स्वतः बर्खास्त मान लिया जाएगा. बाद में अदालत से आरोप मुक्त होने पर वे वापस पद ग्रहण कर सकते हैं.