भारत की विदेश नीति पर बहस हुई, जिसमें 'नॉन-अलाइंड' से 'ऑल-अलाइंड' होने की बात कही गई. एक पक्ष ने कहा कि "ये युद्ध का नहीं, ये बुद्ध का ज़माना है" और भारत रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति के साथ खड़ा है. वहीं, दूसरे पक्ष ने भारत की विदेश नीति को प्रचार-आधारित बताया और अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों पर सवाल उठाए, साथ ही ईरान-इजराइल संघर्ष में भारत की भूमिका पर भी चर्चा हुई.