वेंटीलेटर की कमी से कोरोना वायरस सीधे फेफड़े पर हमला करता है जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. ऐसे में उसे वेंटिलेटर पर डालकर मशीन की मदद से ऑक्सीजन की सप्लाई ना दी जाए तो जान जा सकती है. ज़ाहिर कोरोना के इन हालात में वेंटिलेटर की डिमांड काफी बढ़ गई है. भारत में वेंटिलेटर की कुल तादाद सरकारी और निजी अस्पताल मिलाकर 40 हजार के करीब है. जबकि कोरोना की वजह से ज़रूरत काफी ज़्यादा वेंटीलेटर की है. भारत ने चीन से वेंटिलेटर खरीदने का फैसला किया है लेकिन चीन आनाकानी कर रही है. लिहाज़ा सरकार ने 10 हजार वेंटिलेटर खरीदने के लिए टेंडर भी जारी किया है. ऐसे हालात के बीच WTO की एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि अभी भी भारत वेंटिलेटर के आयात पर सबसे ज्यादा 10 पर्सेंट ड्यूटी लगा रहा है. जबकि चीन में सिर्फ 4 पर्सेंट ड्यूटी लगाती है. देखें
India imposes one of the highest duties on import on ventilators the World Trade Organization (WTO) said in a report. Watch video to know more.