मराठा आरक्षण को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई, जिसमें मराठा समाज को ओबीसी वर्ग के भीतर आरक्षण देने की मांग पर जोर दिया गया. विपक्ष ने भारतीय जनता पार्टी की राजनीति पर सवाल उठाए, जबकि यह भी सुझाव दिया गया कि 50% आरक्षण की सीमा बढ़ाने के लिए केंद्र में संवैधानिक संशोधन ही एकमात्र समाधान हो सकता है.