कोरोना की कहानी सुनाते हुए बार बार लगता है कि कोरोना ने लाखों-करोड़ों लोगों के जीने का ढंग बदल दिया है. आज वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम सामान्य बात हो गई है, जबकि पहले आईटी सेक्टर और कुछ इक्का दुक्का सेक्टर में ही ऐसे काम होता था. कोरोना ने हमें सोशल डिस्टेंसिंग की अहमियत समझाई और कई ऐसे शब्द सिखाए, जो उससे पहले हमारी डिक्शनरी में नहीं थे.
Pandemic stories are too horrifying that no one wants to share them ever. But this video will you the story of those people who fought for beds and medicines in hospitals. Watch