कोरोना के निष्ठुर वक्त ने आंखों का आंसू सोख लिया है. दिल में गम के गुबार को उसकी हद समझा दी है. अपनों के इंतजार का अनंत काल का एक्सटेंशन थमा दिया है. अहमदाबाद के निखिल अजमेरा वापसी का पक्का वाला वादा करके अस्पताल गए थे लेकिन वायरस का वार कुछ और तय करके बैठा था. 40 साल के निखिल अजमेरा कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए और अपने पीछे छोड़ गए बिलखता हुआ पूरा परिवार.