दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ लेते हुए, केजरीवाल ने पुजारियों और ग्रंथियों के लिए मासिक वेतन की घोषणा की. इस पहल का सामना करने के लिए बीजेपी ने सावरकर जैसे ऐतिहासिक और राष्ट्रवादी प्रतीक का सहारा लिया. पीएम मोदी दिल्ली में चुनाव प्रचार की शुरुआत सावरकर के नाम पर आधारित कार्यक्रम से करेंगे. इस मुद्दे पर बीजेपी और आप में आर-पार की जंग छिड़ गई है.