स्वदेशी के मायने और उसके वर्तमान स्वरूप पर एक गरमागरम बहस हुई. चर्चा में स्वदेशी आंदोलन के ऐतिहासिक संदर्भों का उल्लेख किया गया, जिसमें बाल गंगाधर तिलक और महात्मा गांधी द्वारा विदेशी कपड़ों की होली जलाने की बात शामिल थी. सवाल उठाया गया कि क्या आज भी विदेशी वस्तुओं की होली जलाई जाएगी. बहस के दौरान यह तथ्य सामने आया कि 2014 के बाद से चीन से आयात लगातार बढ़ रहा है, यहां तक कि गलवान घटना के बावजूद भी.