भारत में 29 मार्च में औसत तापमान अधिकतम तापमान 30.35 डिग्री सेल्सियस रहा. यह भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा माने जाने वाले सामान्य तापमान से 0.96 डिग्री कम है. 1951 के बाद 12वीं बार मार्च का यह समय इतना ठंडा रहा. जबकि इसके उलट इस साल का फरवरी महीना 1951 के बाद 13वीं बार सबसे गर्म रहा.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, महीने की शुरुआत में मार्च इतना ठंडा समझ नहीं आ रहा था. IMD ने 28 फरवरी को अनुमान जताया था कि इस साल देश के ज्यादातर हिस्सों में मार्च से मई का महीना समान्य से ज्यादा गर्म रहेगा. मार्च के पहले दो हफ्तों में यह पूर्वानुमान सही साबित होता दिखा. ये दो हफ्ते सामान्य से 1 से 1.1 डिग्री तक गर्म रहे. ये 1951 के बाद 22वें सबसे गर्म हफ्ते थे. 7 मार्च को छोड़कर 1 से 15 मार्च तक के सभी दिन सामान्य से अधिक गर्म रहे.
मार्च में पहले दो हफ्तों के बाद भारत के ज्यादातर हिस्सों में तापमान कम हो गया. मार्च 16 के बाद हर दिन सामान्य से करीब 1.6 डिग्री ठंडा रहा. औसतन 21 मार्च और 28 मार्च को समाप्त होने वाले हफ्ते सामान्य से 3.5 और 2.3 डिग्री अधिक ठंडे रहे. इसके चलते 21 मार्च को समाप्त हुआ हफ्ता 1951 के बाद चौथा सबसे ठंडा हफ्ता रहा. इस हफ्ते औसत तापमान 28.44 डिग्री था. यह फरवरी के औसत तापमान (28.46 तापमान) से भी थोड़ा कम था.
दिल्ली में 34वीं बार ठंडा रहा मार्च
दिल्ली इस बात का उदाहरण है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में ठंडक कैसे अलग अलग रही. दिल्ली में मार्च में अधिकतम औसत तापमान सामान्य से 0.31 डिग्री कम रहा. दिल्ली में यह मार्च 34वीं बार सबसे ठंडा रहा. हालांकि, दिल्ली में पहले 2 हफ्ते गर्म रहे. बाद के दो हफ्ते ठंडे रहे. दिल्ली में पहले दो हफ्ते सामान्य से 2.1 और 1.9 डिग्री गर्म रहे. वहीं, आखिरी के दो हफ्ते में तापमान सामान्य से 2.8 और 2.5 डिग्री कम रहा.
मार्च में क्यों बदला मौसम, ये हैं वजह
मार्च के तीसरे हफ्ते के ठंडे रहने की कई वजह रहीं. IMD ने इन वजहों को बताया है. पहली वजह- दो सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ. दूसरी वजह- राजस्थान के ऊपर चक्रवाती सर्कुलेशन. तीसरी वजह- ऊपरी क्षोभमंडल में पश्चिम की ओर से 120-200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली हवाएं. चौथी वजह- बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन की वजह से नमी.
इन्हीं वजहों से देश के अधिकांश हिस्से प्रभावित हुए और ज्यादातर हिस्सों में बारिश, तूफान आया और ओले गिरे. यही वजह रही कि देश के सिर्फ 10 राज्यों में मार्च सामान्य से अधिक गर्म रहा. इन 10 राज्यों में से 6 राज्यों में औसत से सिर्फ 0.5 डिग्री अधिक तापमान रहा. ये राज्य असम, पंजाब, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम थे.
बदलते मौसम का किसानों पर सबसे ज्यादा असर
मार्च के महीने में बारिश के चलते देश के किसानों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. कई इलाकों में लगातार हो रही बारिश के चलते गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. हाल ही में मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से नुकसान की काफी खबरें भी सामने आई थीं.