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NDA का यह पार्टनर विपक्ष के साथ क्यों? अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में करेगा वोटिंग

मिजोरम में एनडीए का सहयोगी सत्तारूढ़ MNF ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ जाने का फैसला किया है. MNF संसद में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी. इस संबंध में गुरुवार को लोकसभा सांसद सी लालरोसांगा ने जानकारी दी.

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मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा. (फाइल फोटो)
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा. (फाइल फोटो)

पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर तीन महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. बीजेपी शासित राज्य में जातीय हिंसा ने दलों के बीच भी दूरियां बढ़ने लगी हैं. दो दिन पहले ही मणिपुर में कुकी पीपुल्स अलायंस ने एनडीए सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया. अब संसद में भी केंद्र सरकार को झटका लगा है. मिजोरम में एनडीए की सहयोगी पार्टी मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने कहा है कि वो संसद में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी. यानी सरकार के खिलाफ वोटिंग में हिस्सा लेगी.

लोकसभा सांसद सी लालरोसांगा ने बताया कि वो मणिपुर सरकार और पड़ोसी राज्य में जातीय हिंसा से निपटने में केंद्र की विफलता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करेंगे. उन्होंने आगे कहा, मैं विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करूंगा. ऐसा इसलिए नहीं है कि मैं कांग्रेस का समर्थन करता हूं या भाजपा के खिलाफ जाना चाहता हूं, बल्कि सरकारों, विशेषकर मणिपुर सरकार की पूर्ण विफलता के प्रति अपना स्पष्ट रुख और विरोध जताने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे.

'मिजोरम के मुख्यमंत्री ने सहमति दी'

उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी MNF संघर्षग्रस्त मणिपुर की जातीय हिंसा की स्थिति से बहुत आहत है. लालरोसांगा ने कहा कि उन्होंने पार्टी अध्यक्ष और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और अन्य नेताओं के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करने पर सहमति दी है. बता दें कि लोकसभा में MNF से एकमात्र सांसद लालरोसांगा हैं.

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'आवाज उठाना जारी रखेंगे'

MNF मिजोरम में बीजेपी के नेतृत्व वाले नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) का सहयोगी दल है और केंद्र में एनडीए का सदस्य है. MNF से एकमात्र राज्यसभा सांसद के वनलालवेना भी मणिपुर मुद्दे पर मुखर रहे हैं. उन्होंने कहा, वो स्थिति से निपटने के सरकार के तरीके के खिलाफ संसद में अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे.

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'विपक्ष की तरफ से लाया गया है अविश्वास प्रस्ताव'

लालरोसांगा का कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे. उसके बाद लोकसभा में प्रस्ताव पर मतदान होने की संभावना है. संयुक्त विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की तरफ से 26 जुलाई को अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. हालांकि, बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को लोकसभा में बहुमत सदस्यों का समर्थन प्राप्त है. सरकार पर किसी तरह का संकट नहीं है. यह दूसरी बार है जब पीएम मोदी को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है.

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