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कांग्रेस की किन ग़लतियों के चलते नेता पार्टी छोड़ रहे हैं?

क्यों राज्य दर राज्य कांग्रेस का कुनबा सिकुड़ता जा रहा है, पार्टी क्यों उस ज़मीन को भी गवांती जा रही है, जो हाल तक उसकी मुट्ठी में थी, डीयू के पूर्व प्रो. साईंबाबा 10 साल से UAPA के तहत जेल में बंद थे, साईंबाबा को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बरी कर दिया, किन सबूतों के आधार पर गिरफ़्तारी हुई थी और कोर्ट ने आज क्या कहा, राजस्थान में टॉपर भी पेपर लीक के सहारे बना था सब इंस्पेक्टर, कैसा हुआ भंडाफोड़, सुनिए 'दिन भर' में नितिन ठाकुर के साथ.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी, भारत जोड़ो यात्रा 2.0 या न्याय यात्रा पर हैं, आज उज्जैन में रोड शो भी किया, दावा ये है कि इंडिया गठबंधन को कोई लीड कर सकता है तो वो कांग्रेस ही है. लेकिन वर्तमान में जैसे हालात बन रहे हैं, पार्टी अपने नेताओं को भी एक साथ नहीं रख पा रही है.

साल 2004 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, तब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर बैठते थे अर्जुन मोढवाडिया, वो अब कांग्रेस से 40 साल पुराना रिश्ता तोड़ कर आज भाजपा में शामिल हो गए हैं. पहले उन्होंने अपनी विधानसभा सदस्यता छोड़ी, कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफ़ा दिया और चार दशकों से जिस पार्टी के ख़िलाफ़ खड़े थे उसके साथ हो लिए.

दूसरी ओर अरुणाचल प्रदेश में पार्टी के तीन विधायक छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए हैं. ताज़ी ख़बर ये है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वाराणसी से 2004-2009 के बीच सांसद रहे डॉ. राजेश मिश्रा भी आज भाजपा में शामिल हो गए, कुल मिलाकर जहां विपक्षी कुनबा संभालने की ज़िम्मेदारी कांग्रेस के पास थी वो अपने परिवार को भी नहीं संभाल पा रही है? सुनिए 'दिन भर' में

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10 साल बाद UAPA से बरी

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने माओवादियों से कथित लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी. एन. साईबाबा और पांच अन्य आरोपियों को आज बरी कर दिया, 54 साल के साईबाबा व्हीलचेयर से चलते हैं और 90 फ़ीसदी विकलांग हैं. वो पिछले 11 साल से नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद थे, 2014 में नक्सलियों के साथ संबंध के आरोप में साईबाबा को गिरफ्तार किया गया था.

गढ़चिरौली कोर्ट ने साल 2017 में प्रोफेसर साईबाबा और अन्य को दोषी करार दिया था. न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति एसए मेनेजेस की पीठ ने सेशन कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए पूर्व प्रोफेसर को राहत दी है, बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट राज्य की अपील पर फ़ैसला नहीं कर लेता, तब तक 50,000 रुपये के बॉन्ड पर रिहा किया जा सकता है. राज्य सरकार ने अब तक फ़ैसले पर स्टे की मांग नहीं की है, गिरफ़्तारी के वक़्त क्या आरोप लगाए गए थे, किन सबूतों को सामने रखा गया था? सुनिए 'दिन भर' में

 

पेपर लीक कर बना टॉपर

राजस्थान चुनाव के दौरान पेपर लिक एक बड़ा मुद्दा था. बीजेपी का वादा था कि वो इसे गंभीरता से लेगी और ऐसा होता दिख भी रहा है, कल सुबह स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी SOG की टीम राजस्थान पुलिस अकादमी पहुंची थी...और उस टीम ने वहां ट्रेनिंग ले रहे 12 सब-इंस्पेक्टर को पकड़ा. इसके साथ ही एक ऐसे गैंग का भंडाफोड हुआ जिसने राजस्थान में पुलिस भर्ती में पेपरलीक करवाकर सिपाहियों की भर्ती करवाई थी,

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हैरानी की बात ये है कि इसमें एक टॉपर भी पकड़ा गया है. आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे 20 सब-इंस्पेक्टर संदिग्ध पाए गए, उनके दस्तावेजों की जांच शुरू की गई। जांच एजेंसी का मानना है कि पेपर लीक कर या डमी कैंडिडेट बैठाकर ऐसे कैंडिडेट परीक्षा में पास हुए थे, इस ख़बर की डीटेल्स जानने के लिए, सुनिए 'दिन भर'

 

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