अमेरिका ने गुरुवार को भारत को उसकी कई प्राचीन वस्तुएं लौटा दी हैं. ये सभी वो वस्तुएं हैं जिनको कई सालों पहले चोरी किया गया था. अब अमेरिका ने उन सभी वस्तुओं को भारत को वापस करने का फैसला किया है. इसी कड़ी में कुल 248 वस्तुएं लौटा दी गई हैं जिनकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ डॉलर बताई जा रही है.
भारत की 248 वस्तुएं लौटा दी गईं
इन वस्तुओं में 12वीं सदी की कांस्य नटराज मूर्ति भी शामिल है जिसकी चोरी साल 1960 में भारत के एक मंदिर से हुई थी. बाद में इसे न्यूयॉर्क में एक आरोपी ने बेच दिया था. लेकिन अब अमेरिकी एजेंसियों ने ये कीमती वस्तु जब्त भी कर ली और भारत को वापस करने का भी काम कर दिया है. इस शिव नटराज के अलावा कांस्य नंदिकेश्वर और कांस्य कंकलमूर्ति भी चोरी हुई थी. अब ये भी भारत को सुरक्षित लौटा दी गई हैं.
इस पूरी प्रक्रिया को लेकर मैनहट्टन डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी सी वान्स ने कहा है कि पिछले एक दशक में पांच अलग-अलग आपराधिक जांच के दौरान कई कीमती वस्तुओं को जब्त किया गया था. इन्हें भारत की प्राचीन कलाकृतियां बताया गया है. लेकिन अब क्योंकि इन वस्तुओं को वापस कर दिया गया है, ऐसे में भारत ने भी अमेरिका का आभार व्यक्त किया है. भारत के काउंसल जनरल रणधीर जायसवाल ने कहा है कि वे आगे भी भारत और अमेरिका की ऐसी ही साझेदारी देखना चाहते हैं जिससे भारत और अमेरिका के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती मिलती रहे.
चोरी कर बेची जा रही थीं वस्तुएं
अब वैसे तो अमेरिका ने पहले भी कई मौकों पर भारत की प्राचीन वस्तुओं को वापस किया है, लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में ये पहली बार हो रहा है. जिन 248 वस्तुओं को वापस किया गया है, उसमें भी 235 तो अकेले आर्ट डीलर सुभाष कपूर के पास से मिली हैं जो अभी जेल में बंद है. कपूर के अलावा उसके दूसरे साथियों को पकड़ा गया है जिन्होंने भारत के अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान श्रीलंका, थाइलैंड जैसे देशों से भी सामान चुराया था.
जानकारी दी गई है कि अगस्त 2020 से अब तक अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को 104, कंबोडिया को 27, अफगानिस्तान को 33 वस्तुएं वापस कर दी गई हैं.