scorecardresearch
 

मणिपुर में हिंसा के दो साल, इम्फाल समेत कई जिलों में बंद रहे स्कूल और दुकानें, लोगों ने किया कामकाज का बहिष्कार

चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में भी इसी तरह के हालात देखने को मिले, जहां जनजीवन बाधित रहा. अधिकारियों के अनुसार, इन जिलों में भी सभी शैक्षणिक और व्यापारिक संस्थान बंद रहे. 'सिन्था लेप्पा' के आह्वान को जनता की ओर से व्यापक समर्थन मिला है, जो यह दर्शाता है कि राज्य में दो साल पहले भड़की हिंसा के ज़ख्म आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं.

Advertisement
X
मणिपुर में हिंसा के दो साल पूरे होने पर लोगों ने किया कामकाज का बहिष्कार
मणिपुर में हिंसा के दो साल पूरे होने पर लोगों ने किया कामकाज का बहिष्कार

इम्फाल घाटी में शनिवार को आम जनजीवन पूरी तरह से ठप रहा क्योंकि विभिन्न संगठनों ने 3 मई 2023 को भड़की जातीय हिंसा के दो साल पूरे होने पर 'सिन्था लेप्पा' का आह्वान किया, यानि दैनिक गतिविधियों का पूरी तरह बहिष्कार.

बंद रहे स्कूल और दुकानें

शैक्षणिक और व्यापारिक संस्थान दिनभर बंद रहे. सार्वजनिक परिवहन सेवाएं भी ठप रहीं और सड़कों पर इक्का-दुक्का निजी वाहन ही नजर आए. किसी भी संभावित अशांति को देखते हुए राजधानी के प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी.

खुमान लमपाक स्टेडियम में 'मणिपुर पीपुल्स कन्वेंशन' आयोजित कर रही मणिपुर एकता समन्वय समिति (COCOMI) ने जनता से अपील की थी कि वे अपनी रोजमर्रा की गतिविधियां रोक कर इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हों. 

लोगों ने किया कामकाज का बहिष्कार

यह आयोजन राज्य में जारी संकट पर चिंतन करने और हिंसा से प्रभावित लोगों को श्रद्धांजलि देने के उद्देश्य से किया जा रहा है. दिनभर के कार्यक्रम के तहत, शाम को कांगला नोंगपोक थोंग में मोमबत्ती जलाकर उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिन्होंने इस हिंसा में अपनी जान गंवाई है.

Advertisement

चुराचांदपुर और कांगपोकपी जिलों में भी इसी तरह के हालात देखने को मिले, जहां जनजीवन बाधित रहा. अधिकारियों के अनुसार, इन जिलों में भी सभी शैक्षणिक और व्यापारिक संस्थान बंद रहे. 'सिन्था लेप्पा' के आह्वान को जनता की ओर से व्यापक समर्थन मिला है, जो यह दर्शाता है कि राज्य में दो साल पहले भड़की हिंसा के ज़ख्म आज भी लोगों के दिलों में ताजा हैं.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement