भारत के इलेक्ट्रॉनिक एवं तकनीक राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से डोर्सी के लगाए आरोप के जवाब में कहा कि ट्विटर के पूर्व सीईओ सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं, सच ये है कि न कोई जेल गया और न ट्विटर बंद हुआ. ट्विटर का बर्ताव ऐसा रहा है जैसे वो भारत के क़ानून से ऊपर है. डोर्सी के बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत की भी प्रतिक्रिया आई, उनके लिए ये भारत में कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा जैसा है. ट्विटर का अपना डेटा बताता है, पिछले तीन साल के भीतर किस ट्वीट के कारण विश्व के 5 देशों से ही 97 प्रतिशत क़ानूनी कार्रवाई के तहत ट्वीट हटाने या अकाउंट बंद करने की मांग की गई है. भारत की ओर से ये मांग 8 प्रतिशत रही. किसान आंदोलन जब अपने ऊरुज पर था तब भारत सरकार कि ओर लगभग 1200 ट्विटर अकाउंट बंद करवाए गए थे, जिसके ऊपर खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थक होने का आरोप लगाया गया. सुनिए दिन भर में.
भवानी प्रसाद मिश्र की कविता है सतपुड़ा के घने जंगल, ऊँघते अनमने जंगल. लेकिन इस बार सतपुड़ा के जंगल नहीं एक इमारत की बात,जहां कल आग लग गई और जितनी देर ये आग रही, आरोप लग रहे हैं कि ऊंघ अधिकारी रहे थे जिनके ऊपर आग पर काबू पाने की जिम्मेदारी थी. मध्यप्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा सरकारी भवन है सतपुड़ा भवन. कल यहाँ से आग लगने की ख़बर आई. तक़रीबन एक हज़ार कर्मचारी उस वक्त यहाँ मौजूद थे. समय रहते उन्होंने तो अपनी जान बचा ली लेकिन
इस आग में राज्य निदेशालय के लगभग 80 फीसदी दस्तावेज खाक हो गए. करीब 25 करोड़ का फर्नीचर और 12 हजार से ज्यादा अहम फाइलें जल गईं इस आग में.
ये दूसरी बार है जब इस भवन में इस लेवल पर आग लगी है. इससे पहले भी साल 2018 में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद ऐसी ही आग लगी थी. और साल 2012 में चुनाव के पहले इसी भवन की तीसरी मंजिल जली थी. और अब फिर चुनाव से 4 महीने पहले ये आग लगी है. आग को विपक्षी दल कांग्रेस ने साजिश करार दिया है. हालांकि बीजेपी ने कहा है कि इस कार्यालय में कोई संवेदनशील दस्तावेज नहीं थे.
इस आग के बाद कई तरह के सवाल हैं जो प्रशासन के सामने हैं, साजिश के आरोप छोड़ दें लेकिन आग लगने के बाद राहत कार्य की धीमी गति पर भी कई सवाल हैं. सुनिए दिन भर में.
राजस्थान में अब तक अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें खुद उनकी ही पार्टी के नेता सचिन पायलट बढ़ाए हुए थे. लेकिन अब हरकत में बीजेपी भी आ गई है. आज गहलोत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे आरोपों पर बीजेपी ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन का नाम हल्लाबोल था. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी इसका नेतृत्व कर रहे थे.
ये प्रदर्शन यहीं नहीं रुका. भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. राजेन्द्र राठौड़, किरोड़ीलाल मीणा समेत बीजेपी के कई नेताओं ने गिरफ्तारियां भी दी. सुनिए दिन भर में.