scorecardresearch
 

ट्विटर नियम नहीं मान रहा था या सरकार दबाव बना रही थी?

एक इंटरव्यू के दौरान ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने ऐसा कहा है कि किसान आंदोलन के दौरान ट्विटर और ट्विटर यूजर्स पर भारत सरकार ने दबाव बनाया. इसके बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है, फिर मध्यप्रदेश के सतपुड़ा भवन की आग पर बात होगी, चुनाव करीब है तो इस आग को दुर्घटना से ज्यादा साजिश कहा जा रहा है, राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी का प्रदर्शन हुआ आज. अब तक अपनों से परेशान गहलोत के सामने खुलकर विपक्ष आया है. माजरा क्या है और मामला क्या, महिलाओं के खिलाफ दुनिया भर में बायसेस का आलम क्या है, इसे लेकर यूएन ने नम्बर्स जारी किए हैं. भारत की स्थिति कितनी ख़राब हैं और किन फील्ड्स में हैं? सुनिए आज 'दिन भर' में .

Advertisement
X
din bhar
din bhar

भारत के इलेक्ट्रॉनिक एवं तकनीक राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर की ओर से डोर्सी के लगाए आरोप के जवाब में कहा कि ट्विटर के पूर्व सीईओ सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं, सच ये है कि न कोई जेल गया और न ट्विटर बंद हुआ. ट्विटर का बर्ताव ऐसा रहा है जैसे वो भारत के क़ानून से ऊपर है. डोर्सी के बयान पर किसान नेता राकेश टिकैत की भी प्रतिक्रिया आई, उनके लिए ये भारत में कलम और कैमरे पर बंदूक का पहरा जैसा है. ट्विटर का अपना डेटा बताता है, पिछले तीन साल के भीतर किस ट्वीट के कारण विश्व के 5 देशों से ही 97 प्रतिशत क़ानूनी कार्रवाई के तहत ट्वीट हटाने या अकाउंट बंद करने की मांग की गई है. भारत की ओर से ये मांग 8 प्रतिशत रही. किसान आंदोलन जब अपने ऊरुज पर था तब भारत सरकार कि ओर लगभग 1200 ट्विटर अकाउंट बंद करवाए गए थे, जिसके ऊपर खालिस्तान और पाकिस्तान समर्थक होने का आरोप लगाया गया. सुनिए दिन भर में.

भवानी प्रसाद मिश्र की कविता है सतपुड़ा के घने जंगल, ऊँघते अनमने जंगल. लेकिन इस बार सतपुड़ा के जंगल नहीं एक इमारत की बात,जहां कल आग लग गई और जितनी देर ये आग रही, आरोप लग रहे हैं कि ऊंघ अधिकारी रहे थे जिनके ऊपर आग पर काबू पाने की जिम्मेदारी थी. मध्यप्रदेश में दूसरा सबसे बड़ा सरकारी भवन है सतपुड़ा भवन. कल यहाँ से आग लगने की ख़बर आई. तक़रीबन एक हज़ार कर्मचारी उस वक्त यहाँ मौजूद थे. समय रहते उन्होंने तो अपनी जान बचा ली लेकिन  
इस आग में राज्य निदेशालय के लगभग 80 फीसदी दस्तावेज खाक हो गए. करीब 25 करोड़ का फर्नीचर और 12 हजार से ज्यादा अहम फाइलें जल गईं इस आग में.    
ये दूसरी बार है जब इस भवन में इस लेवल पर आग लगी है. इससे पहले भी साल 2018 में विधानसभा चुनाव के ठीक बाद ऐसी ही आग लगी थी. और साल 2012 में चुनाव के पहले इसी भवन की तीसरी मंजिल जली थी. और अब फिर चुनाव से 4 महीने पहले ये आग लगी है. आग को विपक्षी दल कांग्रेस ने साजिश करार दिया है. हालांकि बीजेपी ने कहा है कि इस कार्यालय में कोई संवेदनशील दस्तावेज नहीं थे.   
इस आग के बाद कई तरह के सवाल हैं जो प्रशासन के सामने हैं, साजिश के आरोप छोड़ दें लेकिन आग लगने के बाद राहत कार्य की धीमी गति पर भी कई सवाल हैं. सुनिए दिन भर में.

Advertisement

राजस्थान में अब तक अशोक गहलोत सरकार की मुश्किलें खुद उनकी ही पार्टी के नेता सचिन पायलट बढ़ाए हुए थे. लेकिन अब हरकत में बीजेपी भी आ गई है. आज गहलोत सरकार के खिलाफ  भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे आरोपों पर बीजेपी ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन का नाम हल्लाबोल था. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी इसका नेतृत्व कर रहे थे.    
ये प्रदर्शन यहीं नहीं रुका. भाजपा नेता और कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. राजेन्द्र राठौड़, किरोड़ीलाल मीणा समेत बीजेपी के कई नेताओं ने गिरफ्तारियां भी दी. सुनिए दिन भर में.

 
हमारे आसपास कई बायसेस एक विमर्श की तरह चलते हैं जो होते पूरी तरह ग़लत हैं लेकिन परसेप्शन का हिस्सा हैं. इसकी शिकार सबसे ज्यादा हैं महिलाएं,वो क्या कर सकती हैं, क्या नहीं कर सकतीं - ये केवल परसेप्शन से ही तय कर लिया गया है. इसी स्थिति पर रौशनी डालते हैं United Nations Development प्रोग्राम की रिपोर्ट के आंकड़ें।  लेटेस्ट डेटा देखने पर पर पता चलता है कि विश्व के 90 प्रतिशत लोग औरतों के लिए किसी न किसी तरह का बायस रखते हैं। ताज्जुब की बात ये है कि कही हो या न हो पर इस 90 प्रतिशत में पुरुष और महिलाओं के भागीदारी बराबर है।  सुनिए दिन भर में.

Advertisement
Advertisement