पांच राज्यों में होने वाले चुनावों से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है. त्रिपुरा बीजेपी के 2 विधायक सुदीप रॉय बर्मन और आशीष साहा ने भाजपा से इस्तीफा देकर मंगलवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिल्ली स्थित घर पर दोनों ने राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात की.
कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद दोनों ने बड़े-बड़े दावे किए. उन्होंने कहा कि कई भजपा विधायकों के अलावा TMC और CPIM के कई नेता भी उनके संपर्क में हैं. ऐसे नेताओं की संख्या 11-12 के करीब है. ये सभी लोग जल्द ही कांग्रेस के साथ आ जाएंगे. उन्होंने त्रिपुरा TMC के शीर्ष नेतृत्व के भी संपर्क होने का दावा किया. दोनों विधायकों ने दावा किया कि हिमाचल और गुजरात के साथ ही त्रिपुरा में भी चुनाव हो सकते हैं.
ममता की पार्टी को बताया फ्रॉड
दोनों ने TMC पर भी निशान साधा और कहा कि TMC की असलियत लोग अच्छी तरह से समझ चुके हैं. वह पार्टी एक fraud है. गोवा में उस पार्टी की स्थिति देखिए. नॉर्थ ईस्ट में TMC को नकार दिया गया है. TMC जॉइन न करने के सवाल पर दोनों ने कहा कि हमने सागर से सागर में गोता लगाया है. सागर से अचानक तालाब में कूदने से अच्छे से तैर नहीं पाते.
विप्लब सरकार पर साधा निशाना
विधायकों ने कहा कि त्रिपुरा में तानाशाही की सरकार चल रही है. इससे पहले भी हम 13 लोग भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मिले थे. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. इस मौके पर कांग्रेस के त्रिपुरा अध्यक्ष बिरनजीत सिन्हा ने कहा कि पार्टी 15 दिन का लॉन्ग मार्च निकालने जा रही है.
टीएमसी ने भी कस रखी है कमर
बंगाल में परचम लहराने के बाद ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) गोवा के अलावा त्रिपुरा में भी अपने पैर पसार रही है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम त्रिपुरा में TMC के लिए जमीन तैयार कर रही है. कुछ समय पहले चुनावी रणनीति के सिलसिले में त्रिपुरा पहुंची प्रशांत किशोर की टीम को परेशानियों का सामना भी करना पड़ा था. कोरोना का हवाला देते हुए अगरतला पुलिस ने उनकी टीम को होटल के कमरे से बाहर नहीं निकलने दिया था.
निकाय चुनाव में भाजपा ने फहराया था परचम
इससे पहले त्रिपुरा में हुए निकाय चुनाव का 28 नवंबर 2021 को रिजल्ट आया था, जिसमें भाजपा ने अपना जलवा दिखाया था. 222 सीटों पर हुई वोटों की गिनती के बाद बीजेपी ने 217 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि CPIM को 3 सीट, टीएमसी ने 1 और टिपरा मोथा को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा था.