तेलंगाना की सत्तासीन सरकार अब खुलकर केंद्र सरकार की धान खरीद नीति का विरोध करने वाली है. 11 अप्रैल को दिल्ली में तेलंगाना सरकार के होने वाले धरना प्रदर्शन में टीआरएस के सांसद, विधायक, एमसएलसी और शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होंगे.
तेलंगाना सरकार के धरना प्रदर्शन से पहले राज्य सरकार के मंत्री केटी रामा राव ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. केटी रामा राव ने कहा, 'केंद्र तेलंगाना के लोगों, खासकर किसानों को धोखा देने की कोशिश कर रही है. 1 दिसंबर 2021 को, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि रबी की फसल, चाहे वह उबले चावल हों या कच्चे चावल, केंद्र द्वारा पिछले कई दशकों की तरह एफसीआई के माध्यम से खरीदी जाएगी.'
तेलंगाना चावल का एक बड़ा हिस्सा उत्पादित करता है
वहीं, इस धरने के बारे में जानकारी देते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने कहा, केंद्र, तेलंगाना से उसना (सेला) चावल नहीं खरीदने के लिए तरह-तरह के बहाने बना रहा है और आरोप लगाया कि राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘तेलंगाना प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण उसना चावल का एक बड़ा हिस्सा उत्पादित करता है. केंद्र सरकार लगातार विभिन्न बहाने बनाकर केवल कच्चे चावल खरीदने की बात कर रही है और इस बात पर ध्यान नहीं दे रही कि उनके रुख का हमारे किसानों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.’’
केंद्र सरकार को दी चेतावनी
कविता ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर केंद्र ने किसानों की भावनाओं पर ध्यान नहीं दिया तो वे दिल्ली की सड़कों पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे. हाल ही में किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अगर किसान एक बार फिर दिल्ली की सड़कों पर बैठते हैं, तो केंद्र सरकार को झुकना होगा और अंततः किसानों की बात सुननी होगी.
संसद में भी उठा था मुद्दा
राज्य के साथ-साथ संसद में टीआरएस के नेता केंद्र से चावल की खरीदे जाने की मांग की थी. हालांकि केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल कच्चे चावल की खरीद कर सकती है, न कि उसना चावल जो देश में बड़े पैमाने पर खपत नहीं होती है.
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