सुप्रीम कोर्ट एक हाई-प्रोफाइल तलाक और बच्चे की कस्टडी के मामले के सुनवाई के दौरान मैरेज काउंसलर की भूमिका निभाई. एक फैशन उद्यमी पत्नी और एक प्रसिद्ध पैकेज्ड फूड कंपनी के मालिक पति के बीच चल रहे विवाद में कोर्ट ने कपल को कॉफी-डिनर पर मामले को सुलझाने की सलाह दी.
क्या है पूरा मामला?
फैशन उद्यमी पत्नी अपने तीन साल की बच्ची को लेकर जून में छुट्टी मनाने यूरोप जाना चाहती हैं. वहीं, पति का कहना है कि अगर वह बच्ची को यूरोप लेकर जाएगी तो आगे वह अपनी बच्ची से कभी नहीं मिल पाएगा, वह गायब हो जाएंगे. पति ने बच्ची के पासपोर्ट की कस्टडी भी मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट में पत्नी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और पति की ओर से दुष्यंत दवे दलील दे रहे थे. इस दौरान दंपत्ति खुद ही अदालत कक्ष में मौजूद थे.
पत्नी की ओर से सिंघवी ने कहा कि हम दोनों हाई-प्रोफाइल सोसाइटी से आते हैं. अगर वह मध्यस्थता के लिए राजी हैं तो मैं भी हूं. लेकिन, मेरे बच्ची की प्लान छुट्टियों को क्यों रोका जा रहा है?
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि दंपत्ति के बीच गंभीर मुद्दे अभी लंबित हैं. हम प्रैक्टिकल पॉइंट से सोच रहे हैं कि विदेश जाना ऐसे भी विशुद्ध लक्जरी है. बेंच ने पूछा कि पति एक सप्ताह के लिए पत्नी और बच्चों के साथ यात्रा क्यों नहीं कर सकते?
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बेंच ने दंपत्ति को कॉफी-डिनर पर जाकर मामले पर बातचीत करने की सलाह दी. साथ ही इस दौरान परिवार के किसी अन्य सदस्य या वकील को साथ न जाने को लेकर कहा.
बेंच ने कहा कि आप दोनों अभी युवा हैं और बच्ची भी छोटी है. पुरानी बातों को भूलिए और भविष्य को बेहतर बनाने के बारे में सोचिए. अभी तलाक हुआ नहीं है.
पत्नी ने कोर्ट में कहा कि अगर वो (पति) चाहते तो वो हमारे साथ यूरोप टूर पर जा सकते हैं. जिसके जवाब में पति ने कहा कि काम के चलते उन्हें यूरोप जाने से पहले सोचना होगा. पत्नी ने यह भी कहा कि यह रिश्ता अपमानजनक रहा है, जिसे पति ने नकार दिया.
बेंच ने कहा कि ऐसे मामले काफी जटिल होते हैं. लेकिन समाधान की उम्मीद हमेशा होती है. साथ ही सुझाव दिया कि आगे की मध्यस्थता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ए के ओका की निगरानी में की जा सकती है. अगली सुनवाई मंगलवार को तय की गई है.