कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के बीच गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर मार्च निकाला गया. इसी दौरान दिल्ली की सड़कों पर जमकर उत्पात हुआ. अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है. बुधवार को सर्वोच्च अदालत गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर सुनवाई करेगी.
याचिकाकर्ता द्वारा मांग की गई है कि ट्रैक्टर परेड के दौरान जो दिल्ली में हिंसा की गई, तोड़फोड़ हुई और तिरंगे का अपमान किया गया. उसकी न्यायिक जांच की जाए. चीफ जस्टिस एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ही इस मामले की सुनवाई करेगी.
गौरतलब है कि किसानों की ट्रैक्टर परेड से पहले भी ये मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा था, तब किसानों ने दिल्ली पुलिस से परेड की इजाजत मांगी थी. लेकिन पुलिस सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंच गई थी, हालांकि सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि ये फैसला करना पुलिस का काम है, अदालत का नहीं है.
इसी के बाद दिल्ली पुलिस ने कई राउंड की बात करने के बाद किसान संगठनों को निश्चित रास्ते और निश्चित ट्रैक्टरों की संख्या के साथ ट्रैक्टर परेड निकालने की इजाजत दी थी. हालांकि, गणतंत्र दिवस के दिन तय वक्त से पहले और तय रूट से अलग स्थानों पर परेड निकली, इस दौरान जमकर हिंसा हुई और लाल किले में तोड़फोड़ भी हुई.
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दिल्ली पुलिस की ओर से इस हिंसा को लेकर अबतक 44 FIR की हैं और 122 लोगों को गिरफ्तार किया है. ट्रैक्टर परेड को लेकर कई किसान नेताओं को नोटिस जारी किया गया है और शर्तें तोड़ने का आरोप लगाया गया है.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में इससे पहले कृषि कानूनों के मसले पर भी सुनवाई हो रही है. सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में एक कमेटी का गठन किया है, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी.