सुप्रीम कोर्ट ने एक आर्मी दंपत्ति की पोस्टिंग को लेकर दायर की गई याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है. याचिका में कहा गया है कि पत्नी की पोस्टिंग बठिंडा में हुई है जबकि पति की पोस्टिंग अंडमान में की गई है. दंपति की समस्या ये है कि उनका एक 4 साल का बच्चा है. पति ने समय से पहले रिटायरमेंट के लिए अर्जी दी, जिसे खारिज कर दिया गया.
याचिका में कहा गया है कि दंपति को पास के स्टेशनों में पोस्ट किया जाना चाहिए. बठिंडा से लेकर अंडमान के बीच की दूरी 3500 किमी है. रक्षा मंत्रालय ने पोस्टिंग पर फिर से विचार करने के लिए किए गए आवेदन को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये मामला थोड़ा मुश्किल भरा है लेकिन किसी को तो अंडमान भी जाना पड़ेगा. लद्दाख से लेकर अंडमान तक सेना के अधिकारी तैनात हैं.
वरिष्ठ वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल (एसजी) रंजीत कुमार ने दंपति की तरफ से संयुक्त पोस्टिंग की दिशा के लिए शीर्ष अदालत से गुहार लगाई है. कुमार ने शीर्ष अदालत को बताया कि उनकी पोस्टिंग अलग-अलग जगहों पर है और उनके पास एक चार साल का बच्चा है. दंपत्ति के माता-पिता लगभग अपाहिज हैं. शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा कि हम आपकी चिंता को समझते हैं. लेकिन किसी को अंडमान निकोबार या लेह लद्दाख में तैनात किया जाना है. बता दें कि इससे पहले इससे पहले दंपति ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.