नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhas Chandra Bose) की बेटी अनीता बोस फाफ (Anita Bose Pfaff) ने बताया कि उनके पिता और महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के बीच एक जटिल रिश्ता था. उनके मुताबिक, ऐसा इसलिए था क्योंकि गांधीजी को लगता था कि वो नेताजी को कंट्रोल नहीं कर सकते थे. अनीता बोस ने ये बातें इंडिया टुड को दिए इंटरव्यू में कहीं. उन्होंने ये भी बताया कि उनके पिता गांधीजी के बड़े प्रशंसक थे.
अनीता बोस ने कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के उस बयान को लेकर भी बात रखी जिसमें उन्होंने कहा था कि गांधीजी नेताजी को अंग्रेजों को सौंपने के लिए तैयार थे. इस पर जवाब देते हुए अनीता बोस ने कहा, 'वो दोनों ही (गांधीजी और नेताजी) महान हीरो है जिन्होंने भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी. एक के बिना दूसरा कुछ नहीं कर सकता था. ये कॉम्बिनेशन था. ऐसा बिल्कुल नहीं है जैसा कांग्रेस के कुछ सदस्य दावा करते रहे हैं कि आजादी सिर्फ अहिंसा के बलबूते मिली है. हम सभी जानते हैं कि नेताजी और इंडियन नेशनल आर्मी (INA) का भी भारत की आजादी में योगदान है.'
उन्होंने आगे कहा, 'ये कहना भी कोई सेंस नहीं होगा कि सिर्फ नेताजी और INA ने ही भारत को आजादी दिलाई. गांधीजी ने कइयों को प्रेरित किया और उसमें नेताजी भी शामिल थे.' उन्होंने कहा कि लाखों भारतीयों ने आजादी की लड़ाई में योगदान दिया था.
तुषार गांधी ने भी दिया कंगना को जवाब
कंगना रनौत ने इंस्टाग्राम पर कई पोस्ट के जरिए दावा किया था कि सुभाष चंद्र बोस और भगत सिंह को महात्मा गांधी का समर्थन नहीं मिला था. कंगना ने ये भी कहा था कि दूसरा गाल आगे करना 'भीख' है, न कि आजादी. इसके अलावा कंगना ने ये भी कहा था कि आजादी हमें 'भीख' में मिली है.
कंगना के इस बयान पर अब महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी (Tushar Gandhi) का भी जवाब आया है. तुषार गांधी ने कहा कि ये बात गलत है कि भगत सिंह के लिए महात्मा गांधी ने कुछ नहीं किया. महात्मा गांधी ने उनकी मौत की सजा रुकवाने की कई अपील की थी. वहीं, सुभाष चंद्र बोस को अंग्रेजों को सौंपने की बात पर तुषार ने कहा कि इसका जवाब दे पाना बहुत ही हास्यास्पद है. उन्होंने ये भी कहा कि गांधी विरोधियों को समझाने के मुकाबले दूसरा गाल आगे बढ़ाने के लिए ज्यादा साहत की जरूरत होती है.