
हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले ने राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में गहरी हलचल मचा दी है. कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने मृतक अधिकारी की पत्नी को चिट्ठी लिखकर गहरी संवेदना जताई और कहा कि पूरन कुमार की मौत यह याद दिलाती है कि "हमारे समाज में अब भी ऐसे पूर्वाग्रह मौजूद हैं, जो वरिष्ठ दलित अधिकारियों को भी सामाजिक समानता से वंचित रखते हैं."
7 अक्टूबर को हरियाणा कैडर के एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर आत्महत्या कर ली थी. पुलिस के मुताबिक, उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मी की सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी. यह घटना उनके घर के साउंडप्रूफ बेसमेंट में हुई.
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पूरन कुमार की मौत के बाद से ही उनके परिवार और विपक्षी नेताओं ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों पर जातिगत भेदभाव और उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.

राहुल गांधी ने भी परिवार के प्रति जताई संवेदना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना पर गहरी पीड़ा व्यक्त की थी. उन्होंने कहा, "हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार जी की आत्महत्या उस गहराते सामाजिक जहर का प्रतीक है जो जाति के नाम पर मानवता को कुचल रहा है."
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पंजाब के पूर्व सीएम चन्नी भी अधिकारी के घर पहुंचे
इस बीच, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और हरियाणा के मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर भी पूरन कुमार के निवास पहुंचे और परिवार से मुलाकात की. घटना की जांच जारी है, जबकि विपक्ष ने आरोप लगाया है कि यह मामला "सिस्टम में व्याप्त जातिगत भेदभाव" का परिणाम है.