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एंबुलेंस वाला मांग रहा था तीन गुना किराया, कंधे पर मां का शव लेकर 50 किमी पैदल चला बेटा

मृतक महिला के बेटे ने कहा कि जब मैं मां को अस्पताल लेकर आया था, तो एंबुलेंस ने लगभग 900 रुपए लिए थे. मगर, इस बार मां के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक 3000 रुपए की मांग कर रहे थे. मैं थोड़े से ज्यादा पैसे देने के लिए तैयार था, लेकिन वे अपनी मांग कम नहीं कर रहे थे.

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पिता-पुत्र दोनों ही महिला के शव को कंधे पर उठाकर 50 किलोमीटर तक पैदल चले.
पिता-पुत्र दोनों ही महिला के शव को कंधे पर उठाकर 50 किलोमीटर तक पैदल चले.

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई है. यहां एक अभागे बेटे को अपनी मां के शव को अपने कंधों पर ढोने के लिए मजबूर होना पड़ा. वह करीब 50 किलोमीटर तक अपनी मां के शव को कंधे में उठाकर ले गया. दरअसल, एंबुलेंस चालक तय शुल्क से करीब तीन गुनी रकम की मांग कर रहा था. 

जलपाईगुड़ी जिला केके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल से सुबह करीब 10:30 बजे मां के गुजर जाने के दुख से जूझ रहा बेटा एंबुलेंस चालक से ठीक-ठीक पैसे लेने की बात कर रहा था. मगर, उसे तीन गुने से ज्यादा किराया मांगा जा रहा था, जिसे देने में वह सक्षम नहीं था. लिहाजा, अपने पिता के साथ वह पैदल ही पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में कांति गांव के लिए चल पड़ा. दोनों ने अपने कंधों पर महिला को उठा रखा था.  

अस्पताल लाने में लिए 900 रुपए, लाश ले जाने के मांगे 3000 

कंधे पर मां की लाश उठाए बेटा करीब 50 किलोमीटर तक चला जा रहा था. इंडिया टुडे से बात करते हुए मृतक महिला के बेटे जय कृष्ण दीवान ने बताया, “जब मैं अपनी मां को अस्पताल लेकर आया तो एंबुलेंस ने लगभग 900 रुपए लिए थे. मगर, इस बार एंबुलेंस चालक ने शव को ले जाने के लिए 3000 रुपए की मांग की. मैंने उससे कहा कि थोड़े से पैस और ले लो, लेकिन वह नहीं माना.” 

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निजी एंबुलेंस चालक और अस्पताल का गठजोड़ 

सरकारी सुविधाओं द्वारा कोई शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया था. मैं बेबस था और मुझे अपनी मां के शव को अपने कंधों को उठाना पड़ा. इस घटना ने चिकित्सा उपकरणों के उपयोग को लेकर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़ा कर दिया है. इसके अलावा स्थानीय लोगों ने निजी एंबुलेंस और अस्पताल के गठजोड़ की धांधली पर भी सवाल उठाए. 

पहले भी देश में कई जगहों पर सामने आए हैं ऐसे मामले 

सरकारी उदासीनता और प्रशासन की नजरअंदाजगी की यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले एक ऐसी ही घटना ओडिशा से भी सामने आ चुकी है. अगस्त में माझी नाम का एक शख्स कई किलोमीटर तक अपनी मृत पत्नी के शव को अपने कंधों पर उठाकर घर लौटा था. 

उसके साथ उसकी छोटी बेटी भी थी, जिसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे. इसी तरह की स्थिति अप्रैल में आंध्र प्रदेश में देखी गई थी. तब एक दुखी पिता से एम्बुलेंस चालक ने अस्पताल से 90 किलोमीटर दूर तक ले जाने के लिए 20,000 हजार रुपए की मांग की थी. इसके बाद पिता पिछली सीट पर बैठाकर बेटे के शव को लेकर आया था. 

(राजेन प्रधान के इनपुट के साथ)

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