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क्यों फिर से मास्क पहनने की सलाह दे रहे हैं एक्सपर्ट, खतरनाक साबित हो रहा कोरोना का नया वैरिएंट BA.2.86 यानी pirola!

दुनिया में कोविड महामारी की नई लहर का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा है. वैज्ञानिकों की चिंता की वजह इसके स्पाइक प्रोटीन में होने वाला म्यूटेशन है. इस वायरस की सतह पर एक मॉलिक्यूल होता है, जो हमारी कोशिकाओं में चाबी की तरह काम करता है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

एक तरफ जहां पूरी दुनिया ही कोरोना महामारी से बेफिक्र सी हो गई है. वहीं, अब दोबारा कोविड-19 का खतरा सामने आ रहा है. कोविड फैमिली के ही पिरोला नामक (BA.2.86) वायरस को लेकर डॉक्टरों के साथ-साथ वैज्ञानिकों ने भी चिंता जाहिर की है. 

दरअसल, वैज्ञानिकों की चिंता की वजह इसके स्पाइक प्रोटीन में होने वाला म्यूटेशन है. इस वायरस की सतह पर एक मॉलिक्यूल होता है, जो हमारी कोशिकाओं में चाबी की तरह काम करता है. वैक्सीन के लिए भी यह एक टारगेट है. इसलिए स्पाइक में बदलाव होने का मतलब है वायरस के व्यवहार में बदलाव. यही डॉक्टर्स की चिंता का कारण है. 

फिर आ सकती है संक्रमण की नई लहर

वैज्ञानिक इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि आने वाले समय में संक्रमण की एक लहर आ सकती है. इस चिंता के कारण ही वैज्ञानिक और डॉक्टर अब इसके फैलाव को रोकने के लिए अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में बात करने लगे हैं. एक बार फिर वही सवाल उठने लगा है,जो कोरोना की शुरुआत में सामने आया था कि क्या संक्रमण के प्रसार से बचने के लिए लोगों को फिर से मास्क का इस्तेमाल शुरू कर देना चाहिए.

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सतर्कता बरतने पर दिया जा रहा जोर

लंदन और एडिनबर्ग में सरकारी डॉक्टर्स ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार इस बात पर जोर दिया कि राजनेता हमेशा इस बात पर जोर देते रहे कि लोगों को सतर्कता बरतनी चाहिए, लेकिन उनके सलाहकार इस पर अमल नहीं करा सके. हालांकि, फिलहाल खतरा कम होने के कारण लोगों ने सभी नियमों को दरकिनार कर दिया है. लेकिन फिर भी केस बढ़ते ही फिर से लोगों सो अपील की जाने लगती है कि उन्हें नियमों का पालन करना चाहिए.

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