महाराष्ट्र में उद्धव सरकार पर संकट गहराता जा रहा है. सोमवार को एक बार फिर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. शरद पवार ने साफ किया कि गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार ने एक ऐसा दावा किया जिसपर वहां मौजूद मीडिया और भारतीय जनता पार्टी ने तुरंत सवाल खड़े कर दिए.
दरअसल, शरद पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता है, उनपर जो आरोप लगे हैं उनमें कोई दम नहीं है. इसी के साथ शरद पवार ने कहा कि जिस तारीख के बीच के आरोप लगाए गए हैं, उस वक्त 5 से 15 फरवरी तक महाराष्ट्र के गृह मंत्री अस्पताल में भर्ती थे, उसके बाद वो लंबे वक्त तक क्वारनटीन में रहे.
बीजेपी ने शरद पवार को घेरा...
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब शरद पवार ने अनिल देशमुख के प्रेस कॉन्फ्रेंस में होने का दावा किया, तब तुरंत ही बीजेपी के अमित मालवीय ने ट्विटर पर अनिल देशमुख के पुराने ट्वीट को रिट्वीट कर दिया. ट्वीट के मुताबिक, अनिल देशमुख 15 फरवरी को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.
Sharad Pawar claims Anil Deshmukh was in hospital from 5-15 Feb and in quarantine from 16-27 Feb.
— Amit Malviya (@amitmalviya) March 22, 2021
But Anil Deshmukh was holding a press conference on 15 Feb...
How lies fall flat! https://t.co/ceZGxFaIYz
बीजेपी के इस दावे पर शरद पवार से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल दागे गए, जिसके बाद उन्होंने अपने दावे पर ही सफाई दी. शरद पवार ने कहा कि 5 से 15 फरवरी तक अनिल देशमुख अस्पताल में थे, ऐसे मेरे पास कागजात हैं.
शरद पवार ने साफ किया कि अनिल देशमुख के खिलाफ जो भी आरोप लगे हैं, उनमें कोई भी दम नहीं है. ऐसे में इस्तीफे का सवाल नहीं बनता है. जहां तक पूरे मामले की जांच की बात है, तो उसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मर्जी है वो इस मामले में जांच कर सकते हैं.
एनसीपी प्रमुख ने एक बार फिर कहा कि इस पूरे विवाद का महाराष्ट्र की सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, जिस अफसर ने ये आरोप लगाए हैं वह खुद संदेह के घेरे में है. ऐसे में ये आरोप सिर्फ ध्यान भटकाने के लिए लगाए गए हैं.
आपको बता दें कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने एक चिट्ठी में दावा किया था कि अनिल देशमुख ने सचिन वाजे को मुंबई से 100 करोड़ रुपये कलेक्ट करने का टारगेट दिया था. इसी के बाद से ही महाराष्ट्र की सियासत में बवाल हुआ है. सोमवार को संसद में भी इस मसले पर जमकर हंगामा हुआ था.