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दिशा रवि के समर्थन में उतरे किसान संगठन, बिना शर्त रिहाई की मांग

किसान मोर्चा ने कहा है कि भारत के युवा पर्यावरणविद खेती-किसानी की समस्या समझते हैं. सरकार द्वार लाए गए तीन कृषि कानून किसानों को लाभवर्धक बाजार नहीं प्रदान करते हैं, बजाय इसके ये कानून किसानों के लिए बाजार में चुनौतियां पेश करते हैं, जहां उनके शोषण की आशंका है.

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दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है (फोटो- इंडिया टुडे)
दिशा रवि को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है (फोटो- इंडिया टुडे)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिशा रवि को रिहा करने की मांग उठी
  • 'दिशा रवि किसानों की समस्या समझती हैं'
  • 'डरी हुई है मोदी सरकार'- किसान संगठन

संयुक्त किसान मोर्चा ने पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को रिलीज करने की मांग की है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि सरकार किसानों के आंदोलन को मजबूर करने के लिए ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान जारी कर कहा है कि दिशा रवि को बिना शर्त रिहा किया जाए.   

किसान मोर्चा ने कहा है कि भारत के युवा पर्यावरणविद खेती-किसानी की समस्या समझते हैं. सरकार द्वार लाए गए तीन कृषि कानून किसानों को लाभवर्धक बाजार नहीं प्रदान करते हैं, बजाय इसके ये कानून किसानों के लिए बाजार में चुनौतियां पेश करते हैं, जहां उनके शोषण की आशंका है.  

दिशा रवि का समर्थन करते हुए किसान संगठनों ने कहा कि उन्होंने किसानों की मुश्किलें समझी है और उनके आंदोलन का समर्थन किया है. किसानों ने कहा है कि सरकार दिशा रवि को तत्काल रिहा करे. 

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि दिशा रवि ने अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करते हुए ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट का शेयर किया था. लेकिन डरी हुई मोदी सरकार ग्रेटा की गिरफ्तारी कर लोकतंत्र की हत्या कर रही है. किसान नेताओं ने कहा है कि 18 फरवरी का रेल रोको आंदोलन सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने पर मजदूर करेगी. किसानों ने सभी गिरफ्तार किसानों की भी रिहाई की मांग की है. बता दें कि 26 जनवरी की हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने कई किसानों को गिरफ्तार किया है. 

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वहीं टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर काम करने वाली दिशा रवि को गिरफ्तार किया है. दिशा पर अन्य लोगों के साथ मिलकर टूलकिट बनाने और इसे शेयर करने का आरोप है. 

 

  • क्या ग्रेटा थनबर्ग टूल किट मामले में दिल्ली पुलिस की कार्रवाई सही है?

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