रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से कई भारतीय वहां पर फंस गए हैं. दो छात्रों की मौत हो चुकी है और एक अभी घायल है. मिशन गंगा के तहत सभी का रेस्क्यू जरूर किया जा रहा है, लेकिन अभी भी चुनौती खत्म नहीं हुई है. इस बीच अब रेलवे भी इस मुश्किल समय में मदद करने को आगे आ गया है.
यूक्रेन से लौट रहे छात्रों के लिए मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशन हवाई अड्डे पर एक हेल्प डेस्क बनाया गया है. यह हेल्प डेस्क उन बच्चों की मदद के लिए बनाया गया है जो यूक्रेन से आ रहे हैं मगर मुंबई में नहीं रहते, इस हेल्प डेस्क के ज़रिए बच्चों को ट्रेन की टिकट मुहैया कराई जाएगी और उनको अपने होम टाउन भेजा जाएगा. इस हेल्प डेस्क पर रेल्वे के 8 कर्मचारी दिन-रात काम करने वाले हैं जिससे हर छात्र को समय रहते मदद मिल सके.
बता दें कि पहले मिशन गंगा में सिर्फ एयर इंडिया सक्रिय भूमिका निभा रही थी. लेकिन जब रेस्क्यू मिशन की रफ्तार धीमी पड़ गई और यूक्रेन में फंसे भारतीयों की चुनौती बढ़ने लगी, तब पीएम मोदी ने फैसला लिया कि इस मिशन में भारतीय वायुसेना का भी सहयोग लिया जाए. जब से मिशन गंगा के साथ वायुसेना जुड़ी है, कुछ ही दिनों में हजारों भारतीयों की सफल वतन वापसी हो चुकी है. आने वाले दिनों में और भी भारतीयों को यूक्रेन से वापस लाने की तैयारी है. इस समय एयरफोर्स के सी 17 ग्लोब मास्टर का इस्तेमाल रेस्क्यू मिशन में किया जा रहा है. 400 के करीब भारतीय नागरिक हर फ्लाइट से वापस लौट रहे हैं.
अफगानिस्तान में जब तालिबान का कहर शुरू हुआ था, उस समय भी सी 17 ग्लोब मास्टर ने ही सक्रिय भूमिका निभा कई भारतीयों की सफल वतन वापसी करवा दी थी. अब रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भी उनका सहयोग निर्णायक साबित हो रहा है. अब बस उस सहयोग को भारतीय रेलवे का भी साथ मिल गया है.