सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने के केंद्र के फैसले से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ से जुड़े भारतीय मजदूर संघ (BMS) नाराज है. बीएमएस का कहना है कि वे पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज के निजीकरण के विरोध में अगले आठ महीने देशभर में प्रदर्शन करेंगे.
हैदराबाद में 25-26 फरवरी को हुई भारतीय मजदूर संघ की बैठक में यह फैसला लिया गया. इस मीटिंग में समीक्षा की गई कि मौजूदा हालात को देखते हुए बीएमएस को केंद्र सरकार की विनिवेश, निजीकरण और मुद्रीकरण का विरोध करना चाहिए. मीटिंग में फैसला लिया गया कि चरणबद्ध तरीके से देशभर में कार्यक्रम चलाए जाएंगे.बीएमएस ने सर्वसम्मति से रणनीतिक और गैर-रणनीतिक संस्थाओं के नाम पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (CPSEs) के विनिवेश प्रस्ताव का विरोध करने का संकल्प लिया है.
बीएमएस ने 15 मार्च से आठ महीने लंबे प्रदर्शन की रणनीति बनाई है. यह इस साल 15 मार्च से 23 नवंबर तक चलेगा जिसमें सीपीएसई के कॉरपोरेट कार्यालयों से लेकर राज्यों में उनकी संबंधित इकाइयों के प्रदर्शन शामिल होंगे. बीएमएस ने केंद्रीय बजट में केंद्र द्वारा घोषित "आक्रामक विनिवेश कार्यक्रमों" की आलोचना की है. बीएमएस दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी को विभाजित करने के फैसले के खिलाफ है.
ये भी पढ़ें-