पुरी के जगन्नाथ मंदिर का रत्न भण्डार 18 जुलाई को एक बार फिर खोला जाएगा. इसका ऐलान उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिस्वनाथ रथ ने की है. यह फैसला पुरी में पहले ही हो चुकी एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया है.
न्यायमूर्ति रथ के मुताबिक रत्न भंडार खोलने का शुभ समय सुबह 9:51 बजे से दोपहर 12:15 बजे के बीच निर्धारित किया गया है. रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष को फिर से खोलने के बाद, समिति कीमती आभूषणों और कलाकृतियों सहित मूल्यवान सामग्रियों को पुरानी अलमारियों और संदूकों से नई विशेष रूप से खरीदी गई अलमारियों और संदूकों में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू करेगी. इस प्रक्रिया के लिए जरूरी जनशक्ति को देखते हुए सभी अलमारियों और संदूकों को स्थानांतरित करने के बजाय सामग्री को सावधानीपूर्वक स्थानांतरित किया जाएगा.
अस्थायी रत्न भंडार में ले जाया जाएगा सामान
जानकारी के मुताबिक एक बार जब स्थानांतरण पूरा हो जाएगा, तो कीमती सामान श्रीमंदिर परिसर में स्थापित एक अस्थायी रत्न भंडार में ले जाया जाएगा. इस अस्थायी सुविधा को सीसीटीवी निगरानी और अग्नि सुरक्षा प्रणालियों सहित उन्नत सुरक्षा उपायों से सुसज्जित किया गया है. स्थानांतरण के बाद वस्तुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी रत्न भंडार को सील कर दिया जाएगा.
पुराने तालों को नए तालों से बदला
संबंधित घटनाक्रम में जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने रत्न भंडार की सुरक्षा के बारे में हाल ही में उठी चिंताओं को संबोधित किया. पाधी ने पुष्टि की कि कक्ष के फिर से खुलने के पहले दिन इस्तेमाल की गई चाबियां ताले खोलने में विफल रहीं. शामिल तीन तालों में से एक को सील कर दिया गया था, जबकि अन्य दो, बंद थे, सील नहीं किए गए थे. मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के अनुसार पुराने तालों को नए तालों से बदल दिया गया है, और नई चाबियां खजाने में जमा कर दी गई हैं.