भारत में ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित मरीज नहीं हैं, लेकिन जिन देशों में ये वैरिएंट पाया गया है, वहां स्थिति खराब हो रही है. बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वेरिएंट, पिछले डेल्टा वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक है. इसी बीच आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संचारी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा ने इंडिया टुडे को बताया कि रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटी-पीसीआर टेस्ट के जरिये ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगाया जा सकता है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि इन्फेक्शन को फैलने से रोकने में ट्रैवल बैन कारगर साबित नहीं होगा.
दुनिया में बढ़ते ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर हिन्दुस्तान भी अलर्ट हो गया है. बीती रात से सख्ती बढ़ा दी गई है. तमाम एयरपोर्ट पर सावधानी बरती जा रही है, लेकिन तीन शहरों में कुछ यात्रियों के पॉजिटिव मिलने के बाद अब सवाल उठने लगा है कि खतरा करीब है. आंकड़ों के हिसाब से अब तक एक भी ओमिक्रॉन केस की पुष्टि नहीं हुई है.
इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बुधवार को लंदन और एम्स्टर्डम से लौटे 4 यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट हैं या नहीं. उसकी पुष्टि के लिए चारों यात्रियों के सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जा रहा है. दुनिया में बढ़ते ओमिक्रॉन के खतरे को लेकर हिन्दुस्तान भी अलर्ट हो गया है.
ओमीक्रॉन संक्रमित व्यक्ति दो व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है
भारत में दूसरी लहर की सबसे बड़ी वजह डेल्टा वैरिएंट था. कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने भारत में बहुत तेजी से, बहुत सारे लोगों को संक्रमित किया था. वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी वायरस की संक्रामकता उसके R नंबर यानी Re-production नंबर से मापी जाती है. जिसे R नॉट कहते हैं. R नंबर से पता चलता है कि कोई वायरस एक इंसान से कितने लोगों में फैल सकता है. ओमीक्रॉन वैरिएंट का R नंबर है '2' है. यानी ओमीक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित व्यक्ति 2 नए लोगों को संक्रमित करता है.