Rajya Sabha Election: 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होने जा रहे हैं. इन सीटों पर 10 जून को वोटिंग होगी. माना जा रहा है कि कांग्रेस 9 से 10 सीट जीत सकती है. वहीं, बीजेपी को 22 सीट मिलने के आसार हैं. जबकि, बाकी अन्य पार्टियों के पास जा सकती है.
जिन राज्यों की राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होना है, उनमें उत्तर प्रदेश की 11, महाराष्ट्र और तमिलनाडु की 6-6, बिहार की 5, कर्नाटक, आंध्र और राजस्थान की 4-4, ओडिशा और मध्य प्रदेश की 3-3, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पंजाब और हरियाणा की 2-2, जबकि उत्तराखंड की एक सीट है.
राज्यसभा का इतिहास
राज्यसभा का इतिहास 1919 से मिलता है. ब्रिटिश इंडिया में उस समय एक ऊपरी सदन बनाया गया था. तब इसे काउंसिल ऑफ स्टेट कहा जाता था. आजादी के बाद 3 अप्रैल 1952 को राज्यसभा का गठन किया गया. 23 अगस्त 1954 को इसका नाम काउंसिल ऑफ स्टेट से बदलकर राज्यसभा कर दिया गया.
राज्यसभा कभी भंग नहीं होती. राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 साल होता है. इसके एक तिहाई सदस्यों हर दो साल में रिटायर हो जाते हैं. इसलिए हर दो साल में चुनाव होते हैं.
राज्यसभा में 250 सदस्य होते हैं. इनमें से 238 सदस्य चुने जाते हैं, जबकि बाकी 12 सदस्यों को राष्ट्रपति नामित करते हैं. किस राज्य से कितने राज्यसभा सदस्य होंगे, ये वहां की आबादी के आधार पर तय होता है. जैसे सबसे ज्यादा आबादी उत्तर प्रदेश की है, तो यहां 31 सीटें हैं. वहीं, 18 सीटें तमिलनाडु में हैं. जबकि, कई छोटे राज्य ऐसे हैं जहां एक-एक ही सीट है.
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कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?
राज्यसभा के चुनाव में सभी राज्यों की विधानसभाओं के विधायक हिस्सा लेते हैं. इसमें विधान परिषद के सदस्य वोट नहीं डालते. राज्यसभा चुनाव की वोटिंग का एक फॉर्मूला होता है.
फॉर्मूला ये है कि किसी राज्य में कितनी राज्यसभा सीटें खाली हैं, उसमें 1 जोड़ा जाता है, फिर उसे कुल विधानसभा सीटों की संख्या से भाग दिया जाता है. इससे जो संख्या आती है, उसमें फिर 1 जोड़ दिया जाता है.
इसे ऐसे समझिए, जैसे अभी उत्तर प्रदेश में 11 राज्यसभा सीटों के लिए वोटिंग होनी है. इसमें 1 जोड़ा तो हो गया 12. यूपी में विधानसभा सीटों की संख्या 403 है. अब 12 को 403 से भाग दिया तो संख्या आई 33.583333. जिसको 33 माना जाएगा. अब 33 में 1 को जोड़ा तो आया 34. यानी, राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 34 वोटों की जरूरत होगी.
राज्यसभा चुनाव में विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करते हैं. एक विधायक एक ही बार वोट दे सकता है. विधायक प्राथमिकता के आधार पर वोट देते हैं. उनको बताना होता है कि उनकी पहली पसंद कौन है और दूसरी कौन. पहली पसंद के वोट जिसे मिलेंगे, उसे जीता माना जाता है.
अब जैसे यूपी में 11 सीटों पर चुनाव होने हैं. यूपी में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के 273 विधायक हैं. यानी, बीजेपी 8 सीट जीत सकती है. वहीं, सपा और आरएलडी के पास 125 सीट हैं तो बाकी की तीन सीटें इनके पास जा सकती हैं.
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राज्यसभा सदस्यों सैलरी और सुविधाएं?
- राज्यसभा के सदस्यों की एक महीने की सैलरी 1 लाख रुपये होती है. इसके अलावा अगर सदस्य अपने आवास से ही ड्यूटी कर रहे हैं तो हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता भी मिलता है.
- राज्यसभा से जुड़े काम के लिए सदस्य यात्रा कर रहे हैं, तो उसका खर्चा भी नहीं लगता. सदस्य हवाई या रेलवे के अलावा किसी भी माध्यम से यात्रा करते हैं तो उसका खर्च सरकार देती है.
- हर सदस्य को एक फ्री पास भी मिलता है, जिसके जरिए वो किसी भी ट्रेन में किसी भी वक्त मुफ्त में यात्रा कर सकते हैं. इस पास पर सदस्य के अलावा और कोई यात्रा नहीं कर सकता. इसके अलावा एक पास और मिलता है, जिसकी मदद से सदस्य अपनी पत्नी या किसी साथी के साथ फ्री में फर्स्ट एसी में सफर कर सकते हैं.
- राज्यसभा सदस्य को निर्वाचन क्षेत्र का भत्ता भी मिलता है. इसके अलावा राज्यसभा सांसद को आवास, बिजली, पानी, टेलीफोन और मेडिकल सुविधा भी मिलती है.
- रिटायर होने के बाद राज्यसभा सांसद को हर महीने 25 हजार रुपये पेंशन मिलती है. अगर कोई 5 साल से ज्यादा समय से सदस्य है तो हर साल के हिसाब से 2 हजार रुपये पेंशन में और जुड़ जाते हैं. यानी, अगर कोई 10 साल सदस्य है तो उसे हर महीने 35 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी. ये पेंशन हर 5 साल में बढ़ती है. अगली बार 1 अप्रैल 2023 को पेंशन बढ़ेगी.
कौन बन सकता है राज्यसभा सदस्य?
राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है. उसकी उम्र 30 साल से ज्यादा होनी चाहिए. ये जरूरी नहीं है कि वो जिस राज्य से राज्यसभा का सदस्य निर्वाचित हो, वहीं का रहने वाला हो.