प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अमेरिका दौरे (PM Narendra Modi US Visit) पर जा रहे हैं. कोरोना संकट की वजह से छह महीने बाद पीएम मोदी विदेश यात्रा करेंगे. अमेरिका के इस दौरे पर पीएम मोदी पहली बार राष्ट्रपति जो बाइडेन के मिलेंगे. पीएम के इस दौरे में क्वाड समूह के साथ-साथ आतंकवाद और अफगानिस्तान पर भी बात होगी. क्वाड समूह की बैठक में चीन, कोविड संकट और क्लाइमेट चेंज पर भी बात हो सकती है.
पीएम मोदी यहां क्वाड समूह की पहली इन-पर्सन मीट (सामने से मीटिंग) में शामिल होंगे. जिसका ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका भी हिस्सा है. पीएम संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली को भी संबोधित करेंगे.
क्या होगा पीएम मोदी का कार्यक्रम
पीएम मोदी 23 सितंबर को सुबह अमेरिका के टॉप CEO से मिलेंगे. इसमें एप्पल के CEO टिम कुक भी शामिल हैं. इसी दिन पीएम अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मिल सकते हैं. 23 सितंबर को ही पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया (स्कॉट मॉरिसन और जापान (योशीहिदे सुगा) के अपने समकक्षों से द्विपक्षीय मीटिंग करेंगे.
इसके साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति क्वाड देशों के नेताओं के डिनर की मेजबानी करेंगे. फिर 24 सितंबर को पीएम मोदी वाइट हाउस में जो बाइडन संग द्विपक्षीय वार्ता करेंगे.
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क्वाड देशों की होगी मीटिंग
पीएम मोदी संग द्विपक्षीय मीटिंग के बाद क्वाड देशों के पीएम बाइडेन संग वाइट हाउस में मीटिंग भी करेंगे. इसमें चीन द्वारा भारत-प्रशांत क्षेत्र में पैदा की गई अशांति पर चर्चा होगी. हाल ही में US, ऑस्ट्रेलिया और UK ने एक डिफेंस डील साइन की है. AUKUS डील में ऑस्ट्रेलिया परमाणु पॉवर वाली सबमरीन बनाएगा.
इसके अलावा क्वाड बैठक में कोरोना संकट, वैक्सीन आदि पर भी बात होगी. विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही बता चुके हैं कि क्वाड का मकसद सिर्फ क्षेत्र विशेष की सुरक्षा तक सीमित नहीं है. इसमें क्लाइमेट चेंज, शिक्षा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है.
25 सितंबर को UNGA में पीएम मोदी का संबोधन
पीएम मोदी वॉशिंगटन से न्यू यॉर्क जाएंगे. वहां वह यूएन जनरल असेंबली के 76वें सेशन के दौरान जनरल डिबेट को संबोधित करेंगे. यह कार्यक्रम 25 सितंबर को होगा.
अफगान संकट, पाकिस्तान भी एजेंडे में शामिल
पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के अजेंडे में अफगानिस्तान और पाकिस्तान भी हैं. पीएम मोदी अफगान में तालिबान सरकार पर अपना रुख पहले ही साफ कर चुके हैं. अफगानिस्तान पर हुए SCO-CSTO आउटरीच समिट में पीएम मोदी ने तालिबान शासन में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के प्रति चिंता जताई थी. उन्होंने UN से इस मसले पर हस्तक्षेप की मांग की थी और कहा था कि तालिबान सरकार को मान्यता देनी है या नहीं यह वैश्विक स्तर पर तय होना चाहिए.