देश में ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से एक फैसला लिया गया है. बुधवार को सरकार ने नीतिगत सुधार की ओर बड़ा कदम उठाते हुए लगभग 200 साल पुराने आयुध निर्माण बोर्ड (OFB, Ordnance Factory Board) के पुनर्गठन के लंबित प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जिसके तहत 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों को 7 अलग अलग कॉरपोरेट कंपनियों में बदलने का फैसला लिया गया है ताकि काम में जवाबदेही बढ़ सके.
जानकारी के मुताबिक ऑर्डिनेंस कंपनियों में कार्यरत तकरीबन 70 हजार कर्मचारियों को कॉरपोरेट कंपनियों में समायोजित किया जाएगा. बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 70,000 कर्मचारियों की सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि यह एक बड़ा निर्णय है जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करेगा. यह रक्षा उत्पादन के हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा. वहीं कर्मचारियों की सेवा शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा.
वहीं अधिकारियों ने बताया है कि सात संस्थाओं में से हर एक संस्था किसी भी अन्य रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम (DPSU) की तरह होगी. उन्होंने कहा कि सुधार प्रक्रिया को पीएम मोदी के 'रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता' के दृष्टिकोण के तहत लागू किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इन 7 इकाइयों में गोला-बारूद और विस्फोटक समूह, वाहन समूह, हथियार और उपकरण समूह, सैनिक सहायता सामग्री समूह, सहायक समूह, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स समूह और पैराशूट समूह शामिल होंगे.