प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे खड़ी एक महिला सुरक्षाकर्मी की फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. इस तस्वीर को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) में महिलाएं कोई नई बात नहीं हैं. शुरुआत से ही महिला कमांडो को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में लगाया जाता रहा है.
पहले इनका इस्तेमाल मुख्य रूप से एडवांस्ड डिप्लॉयमेंट के लिए होता था. यानी ये महिलाएं संसद जैसे संवेदनशील स्थानों पर तैनात रहती थीं, खासकर महिला मेहमानों की निगरानी और सुरक्षा जांच के लिए.
क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) में महिला कमांडो
2015 के बाद महिला कमांडो को क्लोज प्रोटेक्शन टीम (CPT) में भी शामिल किया जाने लगा. इससे पहले इन सुरक्षाकर्मियों को सिर्फ एडवांस डिप्लॉयमेंट के लिए इस्तेमाल किया जाता था जो PM से मिलने वाली महिला गेस्ट की फ्रिस्किंग के लिए तैनात की जाती थीं.
इसका मतलब है कि अब ये महिलाएं प्रधानमंत्री के आसपास भी सुरक्षा का जिम्मा संभालती हैं. यही नहीं, जब प्रधानमंत्री विदेश दौरों पर जाते हैं, तो महिला एसपीजी कमांडो को भी उनके साथ भेजा जाता है. वहां ये एडवांस्ड सेक्योरिटी लायजन (ASL) के तहत सुरक्षा तैयारियों में मदद करती हैं.
सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में एसपीजी में लगभग 100 महिला कमांडो हैं. ये एडवांस्ड डिप्लॉयमेंट, क्लोज प्रोटेक्शन और अन्य सुरक्षा उपायों में तैनात रहती हैं.
एसपीजी की स्थापना कब और क्यों हुई?
विशेष सुरक्षा समूह (SPG) की स्थापना 1985 में प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को सुरक्षा देने के लिए की गई थी. एसपीजी अपने अधिकारियों की कड़ी ट्रेनिंग, अनुशासन और सुरक्षा में लगातार अपग्रेड करने के लिए जानी जाती है. यही वजह है कि एसपीजी को आज भी दुनिया की सबसे भरोसेमंद सुरक्षा एजेंसियों में गिना जाता है.
क्या है वायरल तस्वीर की सच्चाई?
वायरल तस्वीर संसद के अंदर की है. महिला सुरक्षाकर्मी पहले से ही संसद में एडवांस्ड डिप्लॉयमेंट के तहत तैनात रहती हैं. ये महिला सुरक्षाकर्मी गेस्ट की फ्रिस्किंग और उनके प्रधानमंत्री से मिलने के दौरान निगरानी जैसे काम करती हैं.
PM की SPG सुरक्षा में महिलाएं होती हैं. लेकिन इस तस्वीर में दिख रही महिला कौन है, किस पद पर है, और किसकी सिक्योरिटी में तैनात है, इसकी पुष्टी आजतक नहीं करता. महिला एसपीजी कमांडोज का पीएम की सुरक्षा में योगदान सिर्फ तस्वीर तक सीमित नहीं है, बल्कि ये उनकी सुरक्षा व्यवस्था का एक मजबूत हिस्सा हैं.