
अफगानिस्तान में तालिबान ने पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. अफगानिस्तान से सामने आ रहीं तस्वीरें और वीडियो को देखकर भारत में कई सालों से रह रहे लोगों के मन में भी डर पैदा हो गया है. यही वजह है कि दिल्ली में रह रहे बहुत से अफगानी नागरिक अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के दूतावास के बाहर मदद की गुहार लगा रहे हैं.
अफगानी नागरिकों का कहना है कि भारत में उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन वे चाहते हैं कि अमेरिका उनको वीजा देकर अपने देश में सहूलियत प्रदान करे, क्योंकि अमेरिका 20 सालों तक अफगानिस्तान में रहा है.
एंबेसी के सामने क्यों इकट्ठा हुए लोग?
आजतक की टीम ने ऐसे ही अफगानी महिला से बात की. अफगानी महिला रुखसार ने बताया कि आखिर एंबेसी के सामने सभी लोग इकट्ठा क्यों हुए हैं? रुखसार ने अपनी दर्द भरी कहानी बयां की. महिला ने बताया कि तालिबान ने प्लानिंग करके हमारी कंट्री को छीन लिया. उन्होंने बाहर जाने के लिए किसी को समय नहीं दिया. तालिबान ने हमारे लोगों के ऊपर बहुत ज्यादा जुल्म किया है. तालिबान इस बार अपना नकाब बदलकर अफगानिस्तान में आया है. वह दिखावा कुछ कर रहा है और कर कुछ और रहा है.

रुखसार ने बताया कि तालिबानी छोटे-छोटे बच्चों को मार रहा है. लड़कियों के हाथ बांधकर ताबूत में भरकर दूसरे देशों में भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान को हलाल करने में जुटा हुआ है. बूढ़े बूढ़े लोगों को परेशान किया जा रहा है. हमारे जो रिश्तेदार वहां पर हैं, वे यह बता रहे हैं कि तालिबान उन लोगों पर किस तरह कहर ढा रहा है.
इन सबके पीछे पाकिस्तान का हाथ
अफगानी महिला ने कहा कि आज हम लोग मजबूर हैं. हमको अपने घर परिवार की चिंता है. इसी वजह से हम सब लोग अलग-अलग एंबेसी के सामने इकट्ठे हुए हैं. रुखसार ने कहा, पाकिस्तान इन सबके पीछे है और वही तालिबान की मदद कर रहा है. यह पाकिस्तान की गद्दारी है. रुखसार ने कहा, चीन तालिबान की मदद कर रहा है. वह चाहता है कि तालिबान अफगानिस्तान के नागरिकों पर जुल्म करे.
अमेरिका से मांगी मदद
अमेरिकी दूतावास के सामने खड़े एक अन्य अफगानी नागरिक ने कहा, भारत में उनको रहने में किसी भी तरीके की इस वक्त दिक्कत नहीं है. लेकिन उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनको पढ़ाई के लिए सुविधा चाहिए. उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि हमारा देश बर्बाद हो गया है, ऐसे में अमेरिकी दूतावास हमारी मदद करे.