अमृत काल के पहले बजट में रेलवे के विकास के नाम पर 2.41 लाख करोड़ का भारी-भरकम बजट मिला है. जिससे इस बजट में चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के साथ ही यात्री सुविधाओं के विस्तार पर जोर दिया गया है. इसी के तहत रेलवे मंत्रालय द्वारा देशभर के 1275 स्टेशनों को अमृत भारत के रूप में विकसित किए जाने की योजना है. जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे के 48 स्टेशन भी शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक, रेलवे प्रशासन ने अमृत भारत के तहत चयन होने वाले इन स्टेशनों का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को भेज दिया है. जबकि बजट में स्टेशनों के पुनर्विकास योजना के लिए भी धन मिलने की आस है. पूर्वोत्तर रेलवे में भी गोरखपुर, गोंडा, छपरा, गोमतीनगर, लखनऊ और काठगोदाम सहित कुल 6 स्टेशनों का पुनर्विकास के तहत सिटी सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना है. इस बाबत गोमती नगर में कार्य प्रारंभ हो चुका है जबकि गोरखपुर स्टेशन का डीपीआर बनकर बोर्ड को भेजा जा चुका है.
दिसंबर 2023 तक सभी रेल मार्गों का विद्युतीकरण पूरा करने के लिए विशेष धन आवंटित किया गया है. पूर्वोत्तर रेलवे में बचे 10% मार्ग इस वर्ष विद्युतीकृत कर लिए जाएंगे. बजट में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी बल दिया गया है, जिसके तहत इस वर्ष पूर्वोत्तर रेलवे के 36 स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाया जाएगा. रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर से वंदे भारत ट्रेन जल्द चलेंगी. इससे पूर्व उत्तर प्रदेश स्थित बौद्ध सर्किट के विकास की भी आस जगी है.
अमृत भारत के लिए प्रस्तावित स्टेशन
हालांकि बजट को लेकर पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यह बजट पहले से बेहतर है और पूर्वोत्तर रेलवे को उम्मीद है कि परियोजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि मिलेगी. अभी हमें रेल मंत्रालय द्वारा जारी किए जाने वाले पिंक बुक का इंतजार है क्योंकि पिंक बुक में रेल वाइस और मद वाइस संपूर्ण विवरण दिया जाता है कि किस रेलवे को नई लाइन पर कितना या डबलिंग पर या मान परिवर्तन पर यात्री सुविधा पर कितना मद देना है. यहां तक कि कर्मचारी कल्याण पर भी स्पष्ट रूप से लिखा होता है कि कितना पैसा जाना है.