बैंक फ्रॉड मामले में भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं. नीरव की बहन पूर्वी मोदी मेहता और बहनोई मयंक मेहता 13,000 करोड़ के इस बैंक फ्रॉड मामले में सरकारी गवाह (एप्रूवर) बनने को राजी हो गए हैं.
पूर्वी और उनके पति ने इस मामले में माफी मांगने के लिए मुंबई कोर्ट के समक्ष एक अर्जी दाखिल की थी. अर्जी में उन्होंने ये भी कहा था कि अगर उनकी अर्जी को कोर्ट मंजूर करता है तो वे नीरव मोदी के खिलाफ अहम सबूत मुहैया कराने में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मदद करने को भी राजी हैं. कोर्ट ने अर्जी मंजूर करते हुए उन्हें गवाह बनने की इजाजत दे दी है.
लंदन की जेल में कैद नीरव मोदी
नीरव मोदी लंदन की जेल में हैं और ब्रिटेन की अदालत में उन्हें भारत प्रत्यर्पित करने को लेकर सुनवाई चल रही है. पूर्वी मोदी और उनके पति भी मामले में आरोपी हैं और पीएनबी बैंक धोखाधड़ी मामले में उनके खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी किया गया है.
एक अधिकारी ने बताया, “पूर्वी मोदी ने अदालत के समक्ष एक अर्जी दाखिल की. इसमें कहा गया कि वे बिना कोई सबूत छिपाए परिस्थितियों-घटनाओं की पूरी जानकारी देंगे और दस्तावेज भी मुहैया कराएंगे.”
जांच एजेंसी के अनुसार, पूर्वी मोदी भारत और विदेश में नीरव मोदी की संपत्तियों की पहचान करने के लिए अधिकारियों की मदद करने को भी तैयार हैं. ईडी ने कहा, “पूर्वी मोदी भारत और विदेश में 579 करोड़ की विभिन्न परिसंपत्तियों की पहचान करके उन्हें भारत लाने में सरकार की मदद करने को तैयार हैं.”
पूर्वी और उनकी कंपनियों के नाम पर जो संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं, उनमें दक्षिणी मुंबई के ब्रीच कैंडी में 19.5 करोड़ रुपये का एक फ्लैट और न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क साउथ में दो फ्लैट शामिल हैं, जो एक ट्रस्ट के नाम पर हैं. इनकी कीमत 220 करोड़ रुपये है. इसके अलावा, स्विट्जरलैंड में उनके बैंक खाते हैं, जिनमें 276 करोड़ रुपये हैं. मुंबई के सिंडिकेट बैंक में उनका खाता है जिसमें 1.96 करोड़ रुपये हैं और लंदन में एक फ्लैट है, जिसकी कीमत 62 करोड़ रुपये है.
पूर्वी मोदी के एक दर्जन से अधिक खाते
इससे पहले ईडी ने नीरव मोदी बैंक फ्रॉड केस में पूर्वी मोदी, मयंक मेहता और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. एजेंसी की जांच में पता चला था कि पूर्वी मोदी के पास एक दर्जन से अधिक बैंक खाते हैं और विदेशों में वे विभिन्न कंपनियों और ट्रस्टों की मालकिन हैं.
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पूर्वी मोदी और मयंक मेहता ने अधिकारियों से कहा है कि चार्जशीट में जिन कंपनियों, संपत्तियों और खातों का उल्लेख है, वे सभी (पाविलियन प्वाइंट कॉर्पोरेशन को छोड़कर) नीरव मोदी के हैं.
अपनी अर्जी में पूर्वी ने ये सारी संपत्तियां भारत लाने में हर तरह का सहयोग देने की पेशकश की है. ईडी के मुताबिक, “दोनों अभियुक्तों ने कहा कि उनके खातों के जरिये फंड का जो भी लेन-देन हुआ, वह सब नीरव मोदी का है और ऐसा उन्होंने दबाव डालकर करवाया.”
अदालत ने पूर्वी का माफीनामा इस शर्त पर मंजूर किया है कि वे दोनों सच सामने लाने में पूरी तरह मदद करेंगे और इस मामले में दोनों आरोपियों को एप्रूवर के रूप में चिह्नित किया जाएगा. अदालत ने ये भी निर्देश दिया है कि पूर्वी मोदी और उनके पति भारत लौटते ही अदालत में पेश हों.