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टेरर फंडिंग: दाऊद की D कंपनी फिर एक्टिव, आतंक फैलाने के लिए हवाला से भेजे करोड़ों रुपये

आतंकी नेटवर्क चला रहे दाऊद और उसके गुर्गों के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कहा गया है कि आतंकी गतिविधियों के लिए इस साल ही हवाला के जरिए लगभग 25 लाख रुपये भारत भेजे गए. इस पैसे को सूरत के एक हवाला ऑपरेटर के जरिए भेजा गया था, जो इस मामले में गवाह है और उसकी पहचान गुप्त रखी गई है.

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दाऊद इब्राहिम
दाऊद इब्राहिम

डी कंपनी से जुड़े केस में गिरफ्तार किए गए तीन लोगों और दो वांटेंड आरोपियों के खिलाफ एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि दाऊद इब्राहिम ने बीते चार सालों में भारत में टेरर फंडिंग के लिए 12 से 13 करोड़ रुपये भेजे थे. यह पैसा बीते चार सालों में भेजा गया. 
एनआईए ने आरिफ अबुबकर शेख उर्फ आरिफ भाईजान और शब्बीर अबुबकर शेख को पहले गिरफ्तार किया. उसके बाद दाऊद के सहयोगी छोटा शकील के संबंधी मोहम्मद सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट को गिरफ्तार किया गया.

भारत भेजा जा रहा पैसा

एनआईए ने इन तीन लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है जबकि इस केस में दाऊद और शकील को वांटेंड बताया गया है. आतंकी नेटवर्क चला रहे दाऊद और उसके गुर्गों के खिलाफ लगाए गए आरोपों में कहा गया है कि आतंकी गतिविधियों के लिए इस साल ही हवाला के जरिए लगभग 25 लाख रुपये भारत भेजे गए.

इस पैसे को सूरत के एक हवाला ऑपरेटर के जरिए भेजा गया था, जो इस मामले में गवाह है और उसकी पहचान गुप्त रखी गई है. हवाला के इस 25 लाख रुपये में से पांच लाख सलीम ने रखे जबकि पांच लाख रुपये एनआईए को आरिफ के घर से मिले. 

एनआईए का कहना है कि हवाला के पैसे की आवाजाही दोनों तरफ से हुई. गिरफ्तार किए गए लोगों ने जिन पैसों की उगाही की थी, उन्हें पाकिस्तान में डी कंपनी के गुर्गों के पास भी भेजा गया था. 

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भारत से बाहर भेजा जा रहा पैसा

एनआईए ने चार्जशीट में गिरफ्तार किए गए लोगों के जरिए उगाही के पांच उदाहरण दिए हैं. चार्जशीट में कहा गया कि इस पैसे को पाकिस्तान में दाऊद और उनके गुर्गों के पास भेजा जा रहा है. ऐसा ही एक उदाहरण देकर बताया गया है कि लगभग एक दशक पहले गिरफ्तार हुए इन भाइयों ने हवाला के जरिए इस पैसे को शकील को भेजा था.

एएनआई का कहना है कि शब्बीर के घर से एक ब्लैंक पिस्तौल बरामद की गई, जिसका इस्तेमाल उगाही के लिए किया गया था. एनआईए का कहना है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है. चार्जशीट में मोडस ऑपरेंडी का हवाला देते हुए कहा गया कि आरिफ अपने मोबाइल से ऑडियो मैसेज रिकॉर्ड करता था और उन्हें शब्बीर को वॉट्सऐप करता था ताकि उसे ट्रैक नहीं किया जा सके. शब्बीर इन मैसेज को शकील को फॉरवर्ड करता था. 

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