कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के 30वें दिन भी किसान दिल्ली की सभी सीमाओं पर डटे हैं. कल केंद्र की ओर से किसानों को फिर से चिट्ठी लिखकर बातचीत की टेबल पर लौटने की अपील की गई. सरकार की चिट्ठी में कहा गया है कि वो सभी मुद्दों पर खुले मन से बातचीत के लिए तैयार है. सरकार की इस चिट्ठी को लेकर आज किसान संघर्ष समिति की बैठक होगी.
सरकार के नए प्रस्ताव पर क्या जवाब देना है, इसे लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक आज दोपहर 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर होगी. केंद्र सरकार की चिट्ठी पर औपचारिक रूप से जवाब देने को लेकर इस बैठक में चर्चा होगी. किसानों और सरकार के साथ सुलह की कवायद को लेकर पिछले 5 दिनों में सरकार का यह दूसरा पत्र है.
सरकार ने चिट्ठी में क्या लिखा
सरकार ने किसानों को भेजी चिट्ठी में लिखा है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है. न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़ी कोई भी नई मांग जो नए कृषि कानूनों के दायरे से बाहर है, उसे बातचीत में शामिल करना तर्कसंगत नहीं होगा. सरकार किसानों के हर मुद्दे का तर्कपूर्ण समाधान के अपनी प्रतिबद्धता को दोहराती है.
सरकार ने कहा कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और सरकार इसके लिए लिखित आश्वासन देने को भी तैयार है. इसके अलावा विद्युत संशोधन अधिनियम और पराली से संबंधित अध्यादेश पर भी सरकार बात करने को तैयार है.
किसानों ने ठुकरा दिया था न्योता
इससे पहले सरकार की ओर से 20 दिसंबर को किसानों को चिट्ठी भेजी गई. बुधवार को ही किसानों ने सरकार के पिछले न्योते को ठुकरा दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रस्ताव में दम नहीं, नया एजेंडा लाएं तभी बात होगी.