
छत्तीसगढ़ में नक्सली, सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए बड़ी साजिश रच रहे हैं. नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को अपने जाल में फंसाने के लिए खास बंबू ट्रैप तैयार किया है. सुरक्षाबलों को खुफिया इनपुट से पता चला है कि एंटी नक्सल ऑपरेशन वाले इलाके में नक्सली भारी संख्या में बंबू स्पाइक लगाकर उनको घायल करने की कोशिश में हैं.
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के घने जंगली इलाकों में सुरक्षाबलों को कुछ बंबू स्पाइक्स मिले हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि नक्सलियों के इरादे काफी खतरनाक हैं. इससे पहले नक्सली लोहे के कील नुमा स्पाइक्स का इस्तेमाल जवानों को जंगलों में घायल करने के लिए करते थे.
हालांकि कुछ वक्त बाद ही जवानों ने इसकी काट खोज ली थी और मेटल डिटेक्टर के जरिए वह इन आयरन ट्रैप को आसानी से पता लगा लेते थे. पर अब नक्सलियों ने इन मेटल डिटेक्टर से बचने के लिए लोहे के कील का इस्तेमाल न कर लकड़ी और बंबू के कील नुमा लकड़ी का इस्तेमाल कर रहे. इन बंबू ट्रैप का पता किसी भी मेटल डिटेक्टर से नहीं लगाया जा सकता है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के जंगलों से नक्सलियों का खात्मा करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा ऑपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है. नक्सली इसी बात से खौफ में हैं और खुद को बचाने के लिए रोजाना साजिश रच रहे हैं.
सुरक्षाबलों ने बंबू स्पाइक से बचने के लिए निकाला खास तरीका
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा बल जो कि नक्सली इलाकों में एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगे हुए हैं उन्हें नक्सलियों के बंबू स्पाइक से बचाने के लिए खास तरह के जूते जवानों को दिए जा रहे हैं. इन जूतों को डिजाइनिंग इस तरह से की गई है कि इसको पहनने वालों जवानों पर बंबू स्पाइक या किसी भी अन्य तरह की कील का असर नहीं होगा.

TCOC के महीनों में नक्सली भी करते हैं हमला
आज तक को एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि नक्सली टीसीओसी यानी टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैम्पेन(TCOC) इन महीनों (मार्च से जून) में ज्यादा हमलावर होते हैं. इन नक्सलियों का अहम मकसद होता है कि ज्यादा से ज्यादा सुरक्षाबलों को घायल किया जाए सके. सूत्रों के कहना है कि नक्सलियों ने न केवल छत्तीसगढ़ गढ़ के साउथ बस्तर में ही टीसीओसी चलाने का प्लान नहीं बनाया है बल्कि उन्होंने काफी सालों बाद नए ट्राई जंक्शन के नजदीक के लिए खास प्लान तैयार किया है.
सुरक्षा बलों की रिपोर्ट को मानें तो नक्सली PLGA BN-1 का कमांडर मांडवी उर्फ हिडमा सुरक्षा बलों के छीने हथियार और रॉकेट लॉन्चर से हमले की फिराक में है. सूत्रों ने कहा कि नक्सलियों के प्लान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए सुरक्षाबलों ने खास प्लान तैयार कर लिया है. यही कारण है कि नक्सली कमांडर हिडमा डीप जंगल वाले क्षेत्र में छिपता फिर रहा है. पर अब नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने पिन पॉइंटेड ऑपरेशन के बड़ा प्लान तैयार किया है, जिसमें आने वाले दिनों में हिडमा मारा जाएगा.
पिछले कुछ सालों में बदले हैं हालात
पिछले दिनों गृह मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया था कि नक्सली इलाकों में विकास के कार्य लगातार किए जा रहे हैं. सुरक्षा बल डीप फॉरेस्ट में अपने कैंप लगा रहे हैं जिसके चलते वहां की आम जनता को काफी फायदा हो रहा है. यही वजह है कि नक्सली घबराहट में इन इलाकों में सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की असफल कोशिश कर रहे हैं. आंकड़े ये बताते हैं कि देश में हिंसक घटनाओं में कुल 77% की कमी, 2009 में 2258 हिंसक घटनाओं के मुकाबले 2021 में 509 हिंसक घटनाएं.वा मपंथी उग्रवाद से संबंधित हिंसा में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या में 84% की कमी आई है. 2009 के उच्चतम स्तर 317 से घटकर वर्ष 2021 में 50 हो गई है.
वहीं आम नागरिकों की मौत की संख्या में भी 86% की कमी आई है, जो कि वर्ष 2010 के उच्चतम स्तर 720 से घटकर वर्ष 2021 में 97 हो गई है. वहीं वामपंथी उग्रवाद के भौगोलिक फैलाव में भी कमी आई है जो कि उच्चतम स्तर वर्ष 2010 में प्रभावित 96 जिलों के 464 पुलिस स्टेशन से घटकर 2021 में 46 जिलों के 191 पुलिस स्टेशन तक सीमित हो गई है.