नरोदा गाम नरसंहार में कोई दोषी नहीं
गुजरात में 2002 में जो मुस्लिम विरोधी दंगे हुए, उसमें अब तक पीड़ितों को इंसाफ नहीं मिल पाया है. इसी से जुड़े एक मामले में नरोदा गाम में 11 मुसलमानों की उनके घर में जलाकर हत्या कर दी गई थी.
इसमें 87 लोग आरोपी थे. 21 साल बाद आरोपियों में से 18 की मौत हो चुकी है और बचे हुए 69 आरोपियों को आज SIT की स्पेशल अहमदाबाद कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया. इन आरोपियों में पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता माया कोडनानी, बजरंग दल के बाबू बजरंगी और विश्व हिंदू परिषद के जयदीप पटेल भी शामिल थे.
लेकिन अब सभी लोग रिहा हो गए हैं. यानी हमारी न्याय व्यवस्था के मुताबिक, नरोदा गाम में 11 लोगों को किसी ने नहीं मारा. इस मामले में माया कोडनानी की ओर से दलील दी गई थी कि वो घटना के वक़्त नरोदा गाम में नहीं थीं और उनके पक्ष में गवाही देने देश के गृह मंत्री अमित शाह भी अदालत पहुंचे थे.
नरोदा के इसी इलाके से शुरू होकर दंगा पूरे गुजरात मे फैला था और फिर बड़ी त्रासदी में बदल गया. जिसमें कुल मिलाकर 1000 से ज़्यादा लोग मारे गए थे. सुनिए 'दिन भर' में
चुनावी मैदान से और दूर राहुल?
क्या राहुल गांधी 2024 लोकसभा का चुनाव लड़ पाएंगे? अभी इसका स्पष्ट जवाब नहीं मिला है लेकिन इस पर संशय थोड़ा सा और गहरा हो गया. ‘मोदी सरनेम’ मामले में मानहानि केस में उन्हें दो साल की सजा हो चुकी है. संसद की सदस्यता उनकी रद्द हो चुकी है. और आज सूरत कोर्ट में सज़ा पर स्टे के लिए उन्होंन जो अर्ज़ी दी थी, वो भी ख़ारिज हो गई.
2019 में एक चुनावी रैली में उन्होंने विवादित बयान दिया था. जिसके बाद गुजरात बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल पर मानहानि का केस दाखिल किया था.
राहुल वायनाड से सांसद थे, मगर अब वो सीट खाली है. पांच महीने बाद वहां चुनाव होने हैं उससे पहले राहुल गांधी राहत की उम्मीद में हैं. इसी उम्मीद में कांग्रेस कल हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है लेकिन सूरत कोर्ट से राहुल को राहत क्यों नहीं मिली, कोर्ट ने उनकी दलील क्या कहते हुए खारिज कर दी, सुनिए 'दिन भर' में
अगले हफ्ते होगा फैसला!
सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता दी जाए या नहीं इस पर आज लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई. और ये बहस दिन ब दिन दिलचस्प होती जा रही है. कई और सवाल आज उठे, जैसे सेम सेक्स मैरिज के लिए लीगल एज क्या होनी चाहिए और क्या शादी के लिए दो अलग जेंडर वाले पार्टनर्स का होना ज़रूरी है.
वहीं याचिकाकर्ताओं के वकील राजू रामचंद्रन ने साल 1956 के एक जजमेंट का ज़िक्र करते हुए कहा कि जस्टिस विवियन बोस ने तब फैसला दिया था कि संविधान आम आदमी के लिए है, गरीब के लिए है, व्यापारी के लिए है, कसाई के लिए है, ब्रेड बनाने वाले के लिए और मोमबत्ती बनाने वाले के लिए है. और इसी परिभाषा में वो लोग भी आते हैं जो समलैंगिक विवाह करना चाहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि होमोसेक्शुएलिटी को अपराध की श्रेणी से जब हटाया गया उसी वक्त से ये साफ हो गया कि ये स्थायी रिश्ता है इसलिए शादी के मसले पर भी हमें सारी पेचीदगियों को सुलझाना होगा.
तो आज इस मसले पर सुनवाई में नया क्या रहा, और कोर्ट का रुख इसपर कितना साफ हो पाया है, सुनिए 'दिन भर' में
बेनजीर के बेटे का भारत दौरा
तो अब ये तय हो गया है कि 4 मई को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी भारत आ रहे हैं. वो 4 और 5 मई को गोवा में होने वाली शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के विदेश मंत्रियों की मीटिंग में हिस्सा लेंगे. 2014 में नवाज़ शरीफ की यात्रा के बाद पहली बार ऐसा होगा जब कोई पाकिस्तानी सरकार का कोई मंत्री भारत आ रहा है.
जनवरी में एससीओ की अध्यक्षता कर रहे भारत ने इस बैठक के लिए पाकिस्तान को आमंत्रित किया था. विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के अलावा पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का भी इसमें नाम शामिल है. आसिफ भी बैठक में हिस्सा ले सकते हैं लेकिन वो फिजिकली प्रेजेंट होंगे या वर्चुअली, यह अभी तक तय नहीं हुआ है.
साल भर पहले जुलाई 2022 को उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में SCO के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी. तब भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्री आमने-सामने थे. लेकिन दोनों के बीच दुआ-सलाम तक नहीं हुई. इसके कुछ महीने बाद दिसंबर में बिलावल भुट्टो ने पीएम मोदी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी. बिलावल भुट्टो की ये भारत यात्रा ऐसे वक्त पर होने जा रही है, जब दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहद बुरे दौर में चल रहे हैं. 2019 में पुलवामा हमले के बाद से ही दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की कोशिश नहीं हुई है. भारत भी अलग अलग मंचों से इशारों इशारों में पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरता रहता है.
तो सबसे पहले तो एससीओ में विदेश मंत्रियों की होने वाली बैठक के एजेंडे की बात करते हैं, सुनिए 'दिन भर' में