
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुर्गा पूजा के आयोजन में शामिल होने वाले हैं. पीएम मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 22 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के सौ से ज्यादा पंडालों में लोगों से जुड़ेंगे और दुर्गा पूजा उत्सव में हिस्सा लेंगे. वहीं बंगाल में मुस्लिम कलाकार पंडाल तैयार कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पीएम मोदी का इस बार दुर्गा पूजा में लोगों के साथ जुड़ना काफी अहम माना जा रहा है. वहीं विरोधी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी पर चुनाव जीतने के लिए ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाती रही हैं. हालांकि जब बंगाल में दुर्गा पूजा पंडाल के निर्माण करने की बात आती है, तो पार्टी मुसलमानों के रचनात्मक पक्ष पर भरोसा करती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने की 22 तारीख को संस्कृति मंत्रालय के तहत पूर्वी जोनल सांस्कृतिक केंद्र में विशेष रूप से बनाए गए पूजा पंडाल का उद्घाटन करेंगे. पूरा कार्यक्रम दिल्ली से वर्चुअल तरीके से आयोजित किया जाएगा. हालांकि बंगाल को दिया जाने वाला संदेश एकदम रियल होगा.
वहीं दिलचस्प बात यह है कि एक सप्ताह से भी कम समय में पूरे पंडाल को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम करने वाले 30 कलाकारों में से 20 कलाकार मुस्लिम हैं. 42 साल के अशरफ गाजी ने बताया कि कैसे वे दो दशकों से अधिक समय से पंडाल बनाने के काम में जुड़े हुए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के लिए एक बनाना गर्व की बात है.

धर्म फैक्टर नहीं
उत्तर 24 परगना के निवासी गाजी ने बताया, 'हम आमतौर पर पंडालों के निर्माण में लगे रहते हैं. यह काम हमें कम वक्त के साथ दिया गया था, इसलिए हम पंडाल के निर्माण के लिए दिन-रात यहां रुके हैं, ताकि इसका अच्छी तरह से निर्माण हो सके. यहां धर्म कोई फैक्टर नहीं है. हम पंडाल बनाते हैं. चाहे वह मीलाद हो या पूजा, हम यह सब करते हैं. इसमें कोई अंतर नहीं है. हम टैंट, स्टेज और फिर वह स्थान बनाएंगे जहां लोग भोजन करेंगे.'
गाजी ने आगे कहा, 'यह गर्व का विषय है क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए है. इससे पहले जब गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव से पहले बिधान नगर का दौरा किया, हमने कई स्थानों पर मंच बनाए थे. हालांकि, यह पहली पूजा है जिस पर हम काम कर रहे हैं.'
पंडाल के प्रभारी राजा बानिक दशकों से इस पेशे में हैं. राजा ने कहा, 'पंडाल बंगाल की विरासत पर आधारित है. बंगाल के विभिन्न कलाकार अपने हैंडक्राफ्ट पर काम कर रहे हैं. उनमें से ज्यादातर मुस्लिम कलाकार हैं जो हमारे लिए इससे संबंधित सभी काम करते हैं, यह सिर्फ इस बार नहीं है. वे बंगाली संस्कृति के अनुसार काम करते हैं.'
यहां तक कि अवार्ड विजेता कलाकार भी इस पंडाल के काम में लगे हुए हैं. इस्ट मिदनापुर के चांदीपुर इलाके का चित्रकार परिवार अवार्ड विजेता है. यह पट्चित्र में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी मान्यता प्राप्त है. यह परिवार भी निर्धारित समय में पंडाल को पूरा करने के लिए काम कर रहा है. यह परिवार भी मुस्लिम है.