वॉट्सएप और टेलीग्राम आपके चॉइस से आपका डिफॉल्ट मैसेजिंग एप हो सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल सभी नहीं कर सकते. गैंगस्टर्स, आतंकवादी, गैरकानूनी उग्रवादी और अन्य अपराधी कुछ ऐसे ऐप्स पर निर्भर हैं जिनके बारे में शायद ही किसी ने सुना हो. यही वजह है कि भारत सरकार ने कुछ एप्स को बैन किया था, जो सुरक्षा अधिकारियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे थे.
केंद्र द्वारा बैन किया गया एक 'Zangi' नाम का एप भी है, जो कथित तौर पर दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब में केंद्रित कुख्यात गिरोहों के गिरफ्तार सदस्यों के फोन पर पाया गया है. 'Zangi' उन 14 मोबाइल ऐप्स में से एक है जिन्हें पिछले साल मई में सरकार ने भारत में "बैन" कर दिया था.
इन एप्स को किया गया बैन
'Zangi' के अलावा, Nandbox, 2nd Line, Threema, Safeswiss, Element, IMO, MediaFire, Briar, BChat, Crypviser, Enigma, और Wickr Me को कथित रूप से सुरक्षा चिंताओं की वजह से बैन कर दिया गया था. सूत्रों की मानें तो इन ऐप्स का इस्तेमाल पाकिस्तान स्थित हैंडलर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से संवाद करने के लिए कर रहे थे.
क्या समस्या है?
संक्षेप में कहें तो इन एप्स के मैसेजेस को ट्रैक या रिट्रीव नहीं किया जा सकता है.
अन्य लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप के उलट, Zangi, Threema, Nandbox, Element जैसे एप्स पर रजिस्ट्रेशन के लिए यूजर्स को फोन नंबर या ईमेल एड्रेस जैसी बुनियादी जानकारी भी देने की जरूरत नहीं पड़ती. इसके बजाय एक यूजर्स अपने हिसाब से अन्य यूजर्स से कॉन्टेक्ट करने के लिए अपना एक यूआरएल जेनरेट कर सकता है.
उदाहरण के तौर पर अगर Zangi की बात करें तो यहां यूजर्स को साइन-अप करने के लिए सिर्फ यूजर नेम और पासवर्ड क्रिएट करना होता है. इसके बाद यूजर्स को 10 अंकों का एक नंबर मिल जाता है, जिसका वर्चुअल फोन नंबर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस एप पर "मिलिट्री ग्रेड" के एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन की बात कही गई है, जिससे किसी यूजर्स को ट्रैक करना और उनके मैसेजेस को रिट्रीव करना मुश्किल है. मैसेजेस का एन्क्रिप्शन और डिक्रिप्शन सेंडर और रिसीवर के डिवाइस पर होता है.
(पिछले साल Wicker Me ने अपनी सर्विस बंद कर दी थी, जबकि Conion, Crypviser, और Enigma 17 दिसंबर, 2024 को Google Play ऐप स्टोर पर मौजूद नहीं थे.)
बाकी कॉमर्शियल मैसेजिंग एप के उलट Zangi जैसे एप्स किसी सेंट्रलाइज्ड सर्वर पर चैट्स को स्टोर नहीं करते हैं, जिसका मतलब है कि किसी आपराधिक मामले में जांच एजेंसियां उन मैसेजेस को दोबारा हासिल नहीं कर सकतीं. मसलन, Zangi की बात की जाए तो इसपर मैसेज पढ़े जाने के बाद डिलीट हो जाता है. एप किसी तरह का डेटा भी कलेक्ट नहीं करता है.
इनमें से ज्यादातर एप्स फ्री टू यूज हैं. जो फ्री नहीं हैं, वे यह सुनिश्चित करने के लिए सर्विसेज देती हैं कि एजेंसियां उनके पेमेंट को ट्रैक न कर सकें. उदाहरण के लिए, Threema - जिसके Google Play पर 1 मिलियन से ज्यादा डाउनलोड हैं - अपने यूजर्स को कूरियर द्वारा स्विट्जरलैंड के चुरेरस्ट्रैस में अपने रजिस्ट्रेशन ऑफिस में कैश पेमेंट भेजने को कहता है.
सर्विलांस-प्रूफ स्ट्रक्चर्स की वजह से अधिकारियों के लिए मुश्किलें पैदा होती हैं. इस हालात में वे न तो चैट करने वाले शख्स पर ही नजर रख सकते हैं और ना ही उन्हें कोर्ट में पेश कर सकते हैं. डेवलपर्स का कहना है कि ये एप्स एक्टिविस्ट्स, जर्नलिस्ट और सत्तावादी देशों में विपक्षी नेताओं के इस्तेमाल के लिए बनाए गए हैं.
हालांकि, जिस तरह किसी एसेट का इस्तेमाल अवैध कामों के लिए किया जा सकता है, तो उसी तरह एप्स का इस्तेमाल भी गलत इरादे से किया जाता है. Wicker Me अमेजॉन का एक एप था, जिसने पिछले साल अपनी सर्विस बंद कर दी थी. इस एप पर आरोप लगे थे कि इसपर चाइल्ड सेक्शुअल एब्यूज से संबंधित कंटेंट शेयर किए जाते हैं.