मेघालय कैबिनेट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसके तहत राज्य के हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों को मुफ्त बिजली, मोबाइल रिचार्ज और पेट्रोल उपलब्ध कराया जाएगा. यह जानकारी मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को दी.
पीटीआई के मुताबिक मुख्यमंत्री ने बताया कि 'सेवानिवृत्त न्यायाधीश सचिवीय सहायक एवं घरेलू सहायक नियम 2013' के तहत संशोधन को मंजूरी दी गई है. इसके अनुसार, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को प्रति माह 1000 यूनिट तक की बिजली मुफ्त दी जाएगी, मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए ₹4,200 प्रतिमाह (टैक्स सहित) और 100 लीटर पेट्रोल प्रति माह की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
इसके अलावा, कैबिनेट ने 'मेघालय राज्य भाषा अधिनियम, 2005' में संशोधन को भी मंजूरी दी है, जिसके तहत अब खासी और गारो भाषाओं को जिला स्तर पर आयोजित की जाने वाली विभिन्न परीक्षाओं के लिए सह-आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है.
कैबिनेट ने नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत गवाहों की सुरक्षा के लिए एक कानून को भी स्वीकृति दी. मुख्यमंत्री ने बताया कि 'मेघालय गवाह सुरक्षा योजना, 2025' के अंतर्गत गवाहों की सुरक्षा के लिए एक पूर्ण तंत्र तैयार किया गया है.
इसके साथ ही, कैबिनेट ने सेवानिवृत्त मुख्य सचिव पीएस थांगखिउ को 'मेघालय किसान सशक्तिकरण आयोग' का अध्यक्ष नियुक्त करने को भी मंजूरी दी है. मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए एक खोज समिति (सर्च कमेटी) गठित की गई है, जिसकी अध्यक्षता पूर्व नौकरशाह पीएस ढाकर करेंगे.