Delhi MCD दिल्ली नगर निगम (MCD) के वार्ड और स्टैंडिंग कमेटी का बुधवार को चुनाव हुआ. यह चुनाव सिविक सेंटर में सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुआ. 12 वार्ड कमेटियों के चुनाव में हंगामा भी हुआ. इस दौरान आम आदमी पार्टी और बीजेपी ने शक्ति प्रदर्शन भी किया. दिल्ली नगर निगम के 12 जोन में से 7 जोन में बीजेपी तो 5 जोन में आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज की.
दिल्ली एमसीडी वार्ड समिति चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की है. कुल 12 वार्ड समितियों में से बीजेपी ने 7 और आम आदमी पार्टी ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की. अब 18 सदस्यों वाली स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी के 9 सदस्य (7 मेंबर जोन से और 2 मेंबर सदन से) और आम आदमी पार्टी के 8 सदस्य (5 मेंबर जोन से और 3 मेंबर सदन) अब चुने गए हैं.
दिल्ली MCD की वार्ड और स्टैंडिंग कमेटी चुनाव में केशवपुरम जोन से भारतीय जनता पार्टी के सभी उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत दर्ज की है. यहां से अध्यक्ष पद के
लिए योगेश वर्मा और उपाध्यक्ष पद के लिए सुशील ने जीत हासिल की है.
दिल्ली MCD की वार्ड कमेटियों और स्टैंडिंग कमेटी का बुधवार को चुनाव हुआ. इस दौरान करोल बाग और सिटी SP जोन में बहुमत होने की वजह से आम आदमी पार्टी के सभी उम्मीदवार निर्विरोध जीत गए. करोल बाग जोन के चेयरमैन पद पर आम आदमी पार्टी के राकेश जोशी, डिप्टी चेयरमैन पद पर पार्टी की ज्योति गौतम और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य के तौर पर पार्टी के ही अंकुश नारंग ने जीत दर्ज की. वहीं, सिटी एसपी जोन में चेयरमैन पद पर आम आदमी पार्टी के मोहम्मद सादिक जबकि डिप्टी चेयरमैन के पद पर किरण बाला जीती हैं.
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शक्तियां बढ़ाए जाने के सवाल पर सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही का सवाल आता है तो एलजी साहब काम नहीं कर रहे हैं. अस्पतालों में हजारों डॉक्टरों की नियुक्तियां होनी हैं. हजारों की संख्या में बस मार्शल बेरोजगार हो गए हैं. एलजी साहब ने इन सब काम को रोक दिया और जब शक्तियां हासिल करने की बात आती है तो वह ज्यादा से ज्यादा शक्तियां हासिल कर रही हैं. वह इतनी शक्तियां क्यों हासिल कर रहे हैं? ताकि वह इसका दुरुपयोग कर सकें.
19 महीने की देरी से हो रहा ये चुनाव तय करेगा कि एमसीडी की सबसे ताकतवर बॉडी स्टैंडिंग कमेटी पर किसका कब्जा होगा. स्टैंडिंग कमेटी में 18 सदस्य होते हैं. 12 जोन से 1-1 सदस्य चुना जाता है, जबकि 6 सदस्यों का चुनाव सदन में होता है. स्टैंडिंग कमेटी को मेयर से भी ज्यादा ताकतवर माना जाता है, क्योंकि एमसीडी से जुड़े सारे फैसले यहीं से होते हैं. इसलिए हर पार्टी स्टैंडिंग कमेटी पर कब्जा करना चाहती है. स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन का पद जिसके पास होगा, उसका एमसीडी पर कंट्रोल बढ़ जाएगा.
एमसीडी की वार्ड कमेटियों के चुनाव 19 महीने की देरी से हो रहे हैं. मेयर शैली ओबेरॉय नहीं चाहती थीं कि 4 सितंबर को चुनाव हों. उन्होंने एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार से नामांकन के लिए एक हफ्ते का समय और मांगा था. लेकिन देर रात 11 बजे उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश जारी कर सभी जोन के डिप्टी कमिश्नरों को वार्ड कमेटियों के चुनाव 4 सितंबर को ही कराने के निर्देश दिए थे.
आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के 60 पार्षद 12 एमसीडी जोन में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति सदस्य के पद की दौड़ में हैं.
दिल्ली में कुल 12 वार्ड कमेटियों के चुनाव होंगे, जो एमसीडी की सबसे शक्तिशाली माने जाने वाली स्टैंडिंग कमेटी में अहम भूमिका निभाएंगे. एमसीडी में आम आदमी पार्टी के पास बहुमत है, लेकिन वार्ड कमेटियों में संख्या बल में अंतर है. वार्ड कमेटियों में 10 एल्डरमैन भी वोट डाल सकते हैं. उपराज्यपाल ने इन एल्डरमैन की नियुक्ति उन वार्ड कमेटियों में की है जहां AAP को मामूली बहुमत था. एमसीडी में दल बदल कानून लागू नहीं है, जिससे AAP को यह डर है कि बीजेपी उनके कुछ पार्षदों को अपनी तरफ कर सकती है.
एमसीडी मेयर शैली ओबेरॉय ने मंगलवार देर शाम चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति करने से इनकार कर दिया था. शैली का कहना था कि उनकी अंतरात्मा उन्हें 'अलोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया' में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं देती है. इसके बाद उपराज्यपाल ने आदेश दिया कि अब निर्धारित समय पर बुधवार को ही अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्थायी समिति के सदस्यों के पदों पर चुनाव होगा.
MCD में 12 वार्ड समितियों के चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली के उपराज्यपाल यानी एलजी की शक्तियां बढ़ा दी. इसे लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया गया. उपराज्यपाल को अब दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली विद्युत नियामक आयोग जैसे किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड और आयोग के गठन का पूर्ण अधिकार दे दिया गया है.