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मणिपुर संकट पर दिल्ली में बड़ी बैठक, सिविल संगठनों ने केंद्र सरकार से की ठोस कार्ययोजना की मांग

गृह मंत्रालय ने प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया जा रहा है और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.आगामी दिनों में परिणाम और अपडेट की उम्मीद जताई गई है. प्रतिनिधिमंडल 2 जुलाई को इम्फाल लौटेगा.

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मणिपुर के सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधियों ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों संग की बैठक
मणिपुर के सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधियों ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों संग की बैठक

मणिपुर लंबे समय से चल रहे जातीय संघर्ष और सामाजिक अस्थिरता के बीच, राज्य के प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों (CSOs) के 19 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को दिल्ली में गृह मंत्रालय (MHA) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. यह बैठक तीन घंटे तक चली जिसमें केंद्र से राज्य में लंबे समय से चल रहे संकट को हल करने के लिए एक ठोस, समयबद्ध रोडमैप शुरू करने का आग्रह किया गया.

बैठक सोमवार सुबह 11:30 बजे शुरू हुई और साढ़े तीन घंटे से अधिक समय तक चली. बैठक में तीन प्रमुख नागरिक समाज संगठनों, कॉडिनेटिंग कमेटी ऑन मणिपुर  इंटीग्रिटी (सीओसीओएमआई), ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन (एएमयूसीओ) और नागरिक समाज संगठनों के महासंघ (एफओसीएस) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. प्रतिनिधिमंडल ने सलाहकार (पूर्वोत्तर) ए.के. मिश्रा, खुफिया ब्यूरो के संयुक्त निदेशक राजेश कांबले और अन्य गृह मंत्रालय अधिकारियों के साथ व्यापक बातचीत की.

'मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं'
बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में CSOs ने स्पष्ट किया कि वे मणिपुर की क्षेत्रीय एकता और अखंडता को कमजोर करने वाले किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी कहा,“राज्य में स्वतंत्र आवाजाही बहाल करना नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है और शांति की पहली शर्त भी.”

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विस्थापितों की पुनर्वास प्रक्रिया जल्द पूरी हो: प्रतिनिधिमंडल
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि मणिपुर में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (IDPs) को एक साल के भीतर चरणबद्ध और समयबद्ध योजना के तहत उनके मूल घरों में पुनर्वासित किया जाए.उन्होंने अवैध प्रवास को लेकर भी चिंता जताई और NRC जैसे ठोस कदम उठाने की मांग की ताकि राज्य की जनसांख्यिकीय संरचना को संतुलित रखा जा सके.

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उग्रवादी समूहों के साथ ऑपरेशन के निलंबन (एसओओ) समझौतों के किसी भी विस्तार पर राज्य के सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद ही विचार किया जाना चाहिए. प्रतिनिधिमंडल ने अनुरोध किया कि व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय के साथ बातचीत के अगले दौर इम्फाल में आयोजित किए जाएं.

अन्य अहम मुद्दे भी उठे
बैठक के दौरान उठाए गए अतिरिक्त मुद्दों में ग्वालटाबी घटना पर लंबे समय से लंबित जांच रिपोर्ट शामिल थी, जिसके बारे में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. किसानों की सुरक्षा और संरक्षा के बारे में तत्काल चिंताओं को उजागर करने वाला एक ज्ञापन केंद्रीय गृह मंत्री को भेजने के लिए प्रस्तुत किया गया. ग्वालटाबी घटना की लंबित जांच रिपोर्ट और 343 किलोमीटर अवैध सड़क निर्माण की निष्पक्ष जांच की मांग की गई.

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बयान में कहा गया है, "गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है और उन्हें आवश्यक कार्रवाई और मंजूरी के लिए उपयुक्त अधिकारियों को भेजा जाएगा." बयान में कहा गया है कि सीएसओ प्रतिनिधिमंडल 2 जुलाई को इम्फाल वापस आएगा.

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