जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए पैराट्रूपर झंटू अली शेख का पार्थिव शरीर शनिवार को पश्चिम बंगाल के नादिया स्थित उनके घर पहुंचा. उनके पार्थिव शरीर को देखकर उनके परिवार के लोग फूट-फूट कर रो पड़े. नादिया के पाथरघाटा स्थित उनके घर के सामने एक मंच बनाया गया, जहां उन्हें राष्ट्रीय ध्वज से सम्मानित किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान परिवार, मित्र, रिश्तेदार और स्थानीय लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
ऑपरेशन पर जाने से पहले पत्नी को किए थे कॉल
शेख की शोकग्रस्त पत्नी ने कहा कि वह अभी भी इस सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पाईं हैं कि उनके पति अब कभी वापस नहीं आएंगे और न ही अपने बेटे व घर के आसपास के अन्य बच्चों के साथ खेलेंगे. शेख के परिवार में उनकी पत्नी, बेटी और एक बेटा है. शेख तीन भाइयों में सबसे छोटे थे. शेख के दोनों भाई भी सेना में सेवारत हैं.
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पत्नी ने कहा कि उन्हें गुरुवार की सुबह शेख से एक टेक्स्ट संदेश मिला था, जिसमें कहा गया था कि काम में व्यस्त रहने के चलते वह अगले दिन फोन करेंगे. उन्होंने कहा कि उनके संदेश को पढ़ने के बाद मैंने अपने बेटे को स्कूल भेज दिया और अपने कामों में लग गईं. इसी बीच दोपहर में, मैंने सुना कि वह घायल हो गए हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर है. मुझे लगा कि वह जल्द ही ठीक हो जाएंगे, लेकिन फिर मुझे खबर मिली कि वह अब इस दुनिया में नहीं रहे.
पत्नी ने कहा कि उनके पति अपने काम के प्रति बहुत समर्पित थे और विशेष बलों के एक सैनिक के रूप में अपने ऑपरेशन के बारे में कभी भी कोई जानकारी साझा नहीं करते थे. उनके लिए देश पहले और फिर परिवार था.
उधमपुर में आतंकियों की तलाशी के दौरान लगी थी गोली
नादिया जिले में उनके पारिवारिक घर पर, आंसू बहाते रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने शेख को एक शांत, दयालु व्यक्ति के रूप में याद किया. अधिकारियों ने कहा कि सेना के विशेष बलों के 6 पैरा के एक सैनिक शेख गुरुवार को जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले में तलाशी अभियान के बाद सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में मारे गए.