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डोरंडा कोषागार मामला: लालू को जमानत क्यों मिली? CBI की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

एजेंसी ने झारखंड हाईकोर्ट के ज़मानत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लालू को झारखंड के डोरंडा कोषागार मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया था. लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ साथ 60 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

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लालू प्रसाद यादव-फाइल फोटो
लालू प्रसाद यादव-फाइल फोटो

चारा घोटाला मामले मे सजा पाए लालू प्रसाद यादव की ज़मानत पर रिहाई को रद्द करने की मांग वाली सीबीआई की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस जुर्म में दोषी ठहराए गए लालू प्रसाद यादव को नोटिस जारी किया. शीर्ष कोर्ट ने CBI की याचिका को मूल याचिका के साथ संलग्न किया. CBI ने डोरंडा कोषागार मामले में लालू यादव को मिली जमानत रद्द करने की गुहार लगाई है.

पांच साल की सजा सुनाई गई थी
एजेंसी ने झारखंड हाईकोर्ट के ज़मानत के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. लालू को झारखंड के डोरंडा कोषागार मामले में जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया गया था. लालू प्रसाद यादव को डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में पांच साल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ साथ 60 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.

डोरंडा कोषागार का मामला चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला था. चारा घोटाले में लालू यादव को मुख्य साजिशकर्ता बताते हुए सीबीआई ने कहा था कि लालू यादव जब वित्त मंत्री, मुख्यमंत्री थे तो उनकी नाक के नीचे यह सब कुछ हुआ, यानी यह सब उनकी जानकारी में था.

उधर, लैंड फॉर जॉब स्कैम में लालू यादव और उनके परिवार की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. सीबीआई ने इस मामले में पिछले दिनों लैंड फॉर जॉब स्कैम में चार्जशीट दाखिल की थी. इसी पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने सभी आरोपियों को समन जारी किया.

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क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम ?

सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई का दावा है कि रेलवे के मानदंडों, दिशानिर्देशों और प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए उम्मीदवारों की अनियमित और अवैध नियुक्तियां की गईं.

सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों को बाजार दर से काफी कम कीमत में जमीन बेची गईं. ये राशि बाजार कीमत से 1/4 या 1/5 थी. - 2007-08 में जब लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब महुआबाग, कुंजवा में उनका इरादा उन जमीनों को खरीदने का था, जो पहले से उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली जमीनों के पास थीं. 

ऐसे में लालू यादव अपनी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, मध्य रेलवे के अधिकारी तत्कालीन महाप्रबंधक सौम्या राघवन, तत्कालीन मुख्य कार्मिक अधिकारी कमल दीप मैनराई समेत अन्य आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश में शामिल हुए.

इन उम्मीदवारों को बाद में नियमित किया गया. रेलवे में नियुक्ति दिलाने के एवज में लालू प्रसाद यादव ने इन उम्मीदवारों और उनके परिवार के सदस्यों के स्वामित्व वाली जमीनों को अपनी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के नाम पर काफी कम कीमत में खरीदीं.

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क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम, जिसमें फंसा लालू परिवार?

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