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लक्षद्वीपः मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता रद्द, कोर्ट ने सुनाई थी 10 साल की सजा

लक्षद्वीप से 2019 के चुनाव में सांसद चुने गए मोहम्मद फैजल की सांसदी चली गई है. लोकसभा सचिवालय ने मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता रद्द करने से संबंधित आदेश जारी कर दिया है. लोकसभा सचिवालय की ओर से सदस्यता रद्द करने की ये कार्रवाई कावारत्ती कोर्ट की ओर से सांसद को 10 साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद की है.

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मोहम्मद फैजल (फाइल फोटो)
मोहम्मद फैजल (फाइल फोटो)

साल 2019 के आम चुनाव में लक्षद्वीप सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) नेता मोहम्मद फैजल की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं. मोहम्मद फैजल को पहले कोर्ट ने हत्या के प्रयास के मामले में 10 साल कैद की सजा सुनाई और अब उनकी लोकसभा सदस्यता भी चली गई है.

लोकसभा सचिवालय ने 13 जनवरी की देर रात मोहम्मद फैजल की सदस्यता रद्द किए जाने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. लोकसभा सचिवालय की ओर से कहा गया है कि लक्षद्वीप के सांसद को कावारत्ती के सेशन कोर्ट ने केस नंबर 01/2017 में 11 जनवरी, बुधवार को 10 साल की सजा सुनाई थी. मोहम्मद फैजल की सदस्यता सजा सुनाए जाने के दिन से ही रद्द की जा रही है.

लोकसभा सचिवालय की ओर से ये कार्रवाई जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन 8 की धारा 102(1)(e) के तहत की गई है. गौरतलब है मोहम्मद फैजल साल 2019 के लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी एनसीपी के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए थे. मोहम्मद फैजल के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज था.

मोहम्मद फैजल और तीन अन्य को हत्या के प्रयास के मामले में दोषी करार दिया गया था और 13 जनवरी को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी. कावारत्ती के जिला और सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सजा सुनाने के बाद दोषी करार दिए गए लक्षद्वीप लोकसभा सीट के सांसद मोहम्मद फैजल और तीन अन्य की जमानत याचिका भी खारिज कर दी थी.  

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सांसद मोहम्मद फैजल को सजा सुनाए जाने के बाद केरल के कन्नूर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था जहां वे बंद हैं. मोहममद फैजल ने जिला और सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ केरल हाईकोर्ट का रुख किया है. मोहम्मद फैजल ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कावारत्ती कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. केरल हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.

क्या है मामला

बताया जाता है कि मोहम्मद फैजल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद कांग्रेस नेता मोहम्मद सालिया पर हमले का आरोप था. आरोप था कि मोहम्मद सालिया पर भीड़ ने हमला कर मारपीट की थी जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मोहम्मद फैजल पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप था. मोहम्मद सालिया का कई महीने उपचार चला था. इस मामले 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से चार को दोषी करार दिया गया था. इनमें मोहम्मद फैजल भी थे.

 

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