scorecardresearch
 

ED अधिकारियों पर हमले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से CBI को हो ट्रांसफर, प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर HC ने आदेश सुरक्षित रखा

राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने जांच स्थानांतरित करने की प्रार्थना का विरोध करते हुए दावा किया कि यह राज्य पुलिस ही थी, जिसने ईडी अधिकारियों को बचाया और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से सही सलामत बचाकर वापस निकाला. सीबीआई के वकील ने कहा कि अगर अदालत निर्देश देगी तो एजेंसी जांच करने को तैयार है.

Advertisement
X
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

कोलकाता हाई कोर्ट ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख के परिसरों पर छापेमारी करने गए ईडी अधिकारियों पर हमले के संबंध में जांच की याचिका पर सोमवार को आदेश सुरक्षित रख लिया. दरअसल, ED अधिकारियों ने अपने ऊपर हमले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर करने की याचिका हाईकोर्ट में लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया. मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई ईडी, राज्य और सीबीआई की दलीलों के बाद समाप्त हुई.

यह भी पढ़ें: ED के 8वें समन पर क्या बोले दिल्ली के सीएम केजरीवाल?

ED की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने यह आरोप लगाया कि राज्य पुलिस पक्षपाती है. उन्होंने 5 जनवरी को संदेशखाली में लगभग 1,000 लोगों की भीड़ द्वारा अपने अधिकारियों पर किए गए हमले पर ईडी की एफआईआर के बाद जानबूझकर शाहजहां शेख को गिरफ्तार किया, जबकि उसके खिलाफ 40 से अधिक अन्य मामले वर्षों से लंबित थे.

शेख की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच बशीरहाट पुलिस से लेकर सीआईडी को सौंप दी थी. एसवी राजू ने दावा किया कि जांच इसलिए बंगाल पुलिस को दी गई ताकि CBI को केस ट्रांसफर न करना पड़े. क्योंकि किसी आरोपी की अधिकतम पुलिस हिरासत अवधि 14 दिन है.

राज्य की ओर से पेश महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने जांच स्थानांतरित करने की प्रार्थना का विरोध करते हुए दावा किया कि यह राज्य पुलिस ही थी, जिसने ईडी अधिकारियों को बचाया और उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली से सही सलामत बचाकर वापस निकाला. सीबीआई के वकील ने कहा कि अगर अदालत निर्देश देगी तो एजेंसी जांच करने को तैयार है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement