कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के विरोध में आमरण अनशन कर रहे एक और जूनियर डॉक्टर की हालत बिगड़ने पर शनिवार को उन्हें स्वास्थ्य सेवा केंद्र में भर्ती कराया गया. उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के आलोक वर्मा अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे दूसरे चिकित्सक हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले अनिकेत महतो को तीन दिन पहले आरजी कर अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
पीटीआई के मुताबिक रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान के परिचोय पांडा और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की अलोलिका घोरुई भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. इसके साथ ही राज्य भर में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे चिकित्सकों की कुल संख्या 11 हो गई है, जिनमें से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जूनियर डॉक्टरों ने 5 अक्टूबर को मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड इलाके में अपना आमरण अनशन शुरू किया था.
प्रदर्शनकारी डॉक्टर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में मृत महिला चिकित्सक के लिए न्याय और स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं.
उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना, एक बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी, ऑन-कॉल रूम और वॉशरूम के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए टास्क फोर्स का गठन शामिल है.
वे अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाने, स्थायी महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने और डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के रिक्त पदों को शीघ्र भरने की भी मांग कर रहे हैं.
बता दें दि 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक साथी चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या के बाद जूनियर डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया था. राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर विचार करने के आश्वासन के बाद उन्होंने 21 सितंबर को 42 दिनों के बाद अपना आंदोलन समाप्त कर दिया. जूनियर डॉक्टरों के काम बंद करने के कारण पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा था कि डॉक्टरों द्वारा उठाई गई मांगों को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा पूरा किया जाना संभव है और यह असंभव नहीं है. कोलकाता के कई निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने भी आंदोलनकारी डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाई है. जूनियर और सीनियर सभी डॉक्टर मृतक प्रशिक्षु डॉक्टर के लिए न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं.